नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने वालेे आरोपी को तीन वर्ष का सश्रम कारावास

सागर, 20 जनवरी। विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012) सागर श्री दीपाली शर्मा के न्यायालय ने नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने वालेे आरोपी बिजेन्द्र पुत्र कालूराम पटेल उम्र 29 साल निवासी ग्राम चितौरा, थाना सुरखी, जिला सागर को धारा 8 लैंगिक अपराधो से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में तीन साल का सश्रम कारावास एवं आठ हजार रुपए जुर्माना एवं धारा 3(1)(डब्ल्यू)(आई) अनुसूचित जाति/ जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 में दो साल के सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए जुर्माना एवं धारा 3(2)(1-क) अनुसूचित जाति/ जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 में एक साल के सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। प्रकरण में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी/ विशेष अभियोजक रिपा जैन ने राज्य शासन की ओर से पक्ष रखा।
मीडिया प्रभारी/ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी जिला सागर सौरभ डिम्हा के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि पीडि़ता के पिता ने थाना सुरखी में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि 17 जुलाई 2016 को शाम छह बजे नदी पानी भरने जा रही थी, तभी अभियुक्त ने बुरी नियत से हाथ पकड़ लिया, अभियोक्त्री ने अपनी मां को आवाज लगाई तो अभियुक्त धमकी देने लगा की वह शादी करेगा। जब मां आई तो अभियुक्त धमकी देने लगा कि यदि पुलिस को बताया तो जान से खत्म कर दूंगा। उक्त रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किए। न्यायालय ने उभय पक्ष को सुना एवं प्रकरण के तथ्य, परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी बिजेन्द्र को धारा 8 लैंगिक अपराधो से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में तीन साल का सश्रम कारावास एवं आठ हजार रुपए जुर्माना एवं धारा 3(1)(डब्ल्यू)(आई) अनुसूचित जाति/ जनजाति(अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 में 02 साल के सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए जुर्माना एवं धारा 3(2)(1-क) अनुसूचित जाति/ जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 में एक साल के सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है।