श्रमिकों को अधिकार किसानो को खेत विहीन बना रही है सरकारें : सीटू

– 22 साल बाद भिण्ड से दौनेरिया सीटू राज्य कमेटी

भिण्ड, 12 नवम्बर। चंबल, मालवा, बुंदेलखण्ड, राजस्थान की मारवाड़ी चारों संस्कृतियों का संगम स्थल गुना में सीटू का 15वा राज्य सम्मेलन 11 नवंबर तक मप्र की विभिन्न संस्कृतियों का संगम स्थल गुना रहा। संपूर्ण मप्र से 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जो मप्र के 55 सीटू के जिला सम्मेलनों से चुनकर आए थे। प्रथम दिन लाल झण्डा से सजा गुना के बाजारों गगनभेदी नारो हर धंधे के मेहनतकश एक हो शासकीय विभागों का निजीकरण बंद करो पुरानी पेंशन पुन: शुरू करो, श्रमिकों कर्मचारियों को गुलाम बनाने वाली श्रम संहिताओं को वापस लो, महिलाओं और पुरुषों का जुलूश तो गुना के दुकानदारों ने जगह जगह स्वागत किया।
प्रेस को जारी विज्ञप्ति में सीटू जिला महासचिव अनिल दौनेरिया ने बताया कि जुलूश हनुमान चौराहा पर आमसभा में बदल गया, जहां सीटू के राष्ट्रीय सचिव डॉ. कश्मीर सिंह ने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार श्रमिकों कर्मचारियों को अधिकार विहीन बना रही है, तो किसानों को खेत विहीन बना रही है। इसलिए किसानों के खेत बीज बचाने और श्रमिक कर्मचारी अपने अधिकारों की रक्षा के लिए 26 नवंबर को संपूर्ण देश के जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन करेंगे।
दूसरे दिन सीटू राज्य महासचिव प्रमोद प्रधान ने नारायणी होटल गुना में प्रतिनिधियों के सामने पिछले तीन वर्षों एवं आगमी तीन वर्षों के लिए राजनीतिक सांगठनिक 68 पेज की रिपोर्ट प्रस्तुत की। जिस पर सीटू राज्य सम्मेलन में उपस्थित प्रतिनिधि में 66 प्रतिनिधि ने सुझाव रखे। भिण्ड जिला की तरफ से जिला अध्यक्ष विनोद सुमन, जिला महासचिव अनिल दौनेरिया, जिला सचिव डॉ. नदीम खान, सुनीता राजावत ने अपने सुझाव दिए।
तीसरे दिन अगामी तीन वर्षों के लिए 71 सदस्यी नाई राज्य कमेटी चुनी गई। राज्य अध्यक्ष पूषण भट्टाचार्य, राज्य महासचिव प्रमोद प्रधान सर्वसम्मति से निर्वाचित हुए। भिण्ड जिले से 22 वर्ष बाद अनिल दौनेरिया सीटू राज्य कमेटी के लिए निर्वाचित हुए। 1993 से 2003 तक नरेन्द्र सिंह सैंगर सीटू राज्य कमेटी में रहे। 2003 से 20025 तक सीटू राज्य कमेटी में भिण्ड जिला से कोई भी राज्य कमेटी में नहीं रहा। सीटू राज्य सम्मेलन में श्रमिकों कर्मचारियों ने 10 प्रस्ताव भी पारित किए, जिसमें मुख्य रूप से मप्र सरकार के श्रमिक विरोधी कानूनी संशोधनों, औद्योगिक सुरक्षा और स्वास्थ्य विरोधी प्रावधानों पर सरकारों द्वारा सार्वजनिक बैंक बीमा, रेलवे, उद्योगपतियों के कर्जा माफी के खिलाफ कार्पोरेट के लिए भूमि अधिग्रहण तथा बेदखली के खिलाफ, कामकाजी महिलाओं की कार्य स्थलों पर बढ़ती असुरक्षा एवं आउटसोर्स संविदा ठेका श्रम फिक्स टर्म, अग्निवीर भर्ती के विरोध में एक स्वर में प्रस्ताव पारित किए।
सम्मेलन में समापन भाषण देते हुए सीटू के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सांई बाबू ने सीटू के संघर्ष को तेज करने के लिए प्रत्येक सदस्य से साल में दो कप चाय के रूपय सीटू राज्य केन्द्र को देने की अपील करते हुए अगले राज्य सम्मेलन में तीन गुणा अधिक सीटू सदस्यता के साथ मिलने का आह्वान किया।