– प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वदेशी 4जी स्टैक और एक लाख स्वदेशी बीएसएनएल टावर्स का किया लोकार्पण
नई दिल्ली, 27 सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को उड़ीसा के झारसुगुड़ा से देश के पूर्ण स्वदेशी 4जी स्टैक और बीएसएनएल के एक लाख स्वदेशी 4जी टावरों का लोकार्पण किया। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया असम से वर्चुअली कार्यक्रम से जुड़े और इस उपलब्धि के महत्व को साझा किया।उड़ीसा के साथ विभिन्न राज्यों में टावर्स का लोकार्पण हुआ। जहां से विभिन्न नेतागण कार्यक्रम से जुड़े। उड़ीसा में मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी आंध्र प्रदेश में केन्द्रीय मंत्री राम मोहन नायडू, चंद्रशेखर पेम्मासानी, मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, उत्तर प्रदेश में केन्द्रीय मंत्री पंकज चौधरी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र में केन्द्रीय मंत्री रक्षा निखिल खड़से, मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं अजीत पवार, राजस्थान में केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, असम में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, गुजरात में केन्द्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया, मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और बिहार में केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल रहे।
22 महीने में बना भारत का स्वदेशी 4जी स्टैक : मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वदेशी 4जी स्टैक को जनता को समर्पित करते हुए कहा कि तमाम कठिनाइयों के बावजूद भारत के विशेषज्ञों और संचार विभाग ने महज 22 महीनों में भारत ने अपना पूर्ण स्वदेशी 4जी स्टैक तैयार कर लिया है। यह दुनिया के लिए भारत की तकनीकी क्षमता और दृढ़ संकल्प का सशक्त संदेश है। जो कभी असंभव माना जाता था, आज वह आत्मनिर्भर भारत की वास्तविकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में विकसित 4जी स्टैक और एक लाख नए टावर भारत के गांव-गांव तक कनेक्टिविटी पहुंचाकर विकास की नई गाथा लिखेंगे। यह उपलब्धि केवल तकनीक का विस्तार नहीं, बल्कि सामान्य नागरिक के जीवन को आसान बनाने का संकल्प है।
30 हजार गांवों तक पहुंची हाई स्पीड इंटरनेट सुविधा
जनसैलाब को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बताया कि इस परियोजना से पूरे देश में 2 करोड़ से ज्यादा लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। लगभग 30 हजार ऐसे गांव जहां अब तक हाईस्पीड इंटरनेट की सुविधा नहीं थी, वहां भी अब यह सेवा उपलब्ध होगी। देश के सीमावर्ती और दूर दराज के इलाके भी अब हाई स्पीड कनेक्टिवटी से जुड़ेंगे। इससे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण ऑनलाइन शिक्षा, किसानों को मंडी और मौसम की जानकारी, सैनिकों को अपने परिवार से जुड़ाव और उद्यमियों को वैश्विक बाजार तक पहुंच का अवसर मिलेगा।
डिजिटल भारत निधि : 30 हजार गांवों को जोड़ना
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि संचार विभाग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के तहत अपना स्वदेशी 4जी स्टैक बनाने का प्रण लिया और मात्र 22 महीनों में आज भारत अपना स्वदेशी स्टैक बनाने में सफल रहने वाले विश्व के एलीट क्लब में जा पहुंचा है। यह पूरे देश के लिए गौरवमयी क्षण है जब भारत दूरसंचार क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनने की ओर अग्रसर हो रहा है।
उन्होंने कहा कि जब दुनिया में 2जी, 3जी और 4जी तकनीकें आईं, तब भारत विदेशी तकनीक पर निर्भर था। आज बीएसएनएल की मेहनत और विशेषज्ञता ने इसे बदल दिया और भारत को वैश्विक दूरसंचार निर्माण में अग्रणी बना दिया है। उन्होंने बताया कि बीएसएनएल ने 25 हजार करोड़ रुपए की पूंजी निवेश के साथ जनवरी-मार्च एफवाई25 में 280 करोड़ रुपए और क्यू3 एफवाई 25 में 261 करोड़ रुपए का लाभ अर्जित किया है। 17 वर्ष बाद पहली बार लगातार बीएसएनएल लाभ अर्जित करने लगा है। उन्होंने बताया कि डिजिटल भारत निधि के तहत लक्षित 27 हजार 106 टावरों में से 19 हजार 823 को सक्रिय किया गया। इसके माध्यम से 26 हजार 327 गांव और लगभग 20 लाख परिवार शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रशासन की सुविधा से जुड़ पाए हैं। अगस्त 2025 में इन टावरों के माध्यम से 42 हजार 773 टीबी डेटा का उपयोग हुआ जो कि प्रति ग्राहक औसतन 21 जीबी मासिक होता है। सिंधिया ने कहा कि दूरस्थ ओडिशा से लेकर पहाड़ी असम तक डीबीएन सुनिश्चित करता है कि शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रशासन हर परिवार तक पहुंचे।
आत्मनिर्भरता और स्वाबलंबन का प्रतीक है यह तकनीक
केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि यह 4जी नेटवर्क 100 प्रतिशत स्वदेशी तकनीक पर आधारित है। इसमें सी-डॉट ने कोर नेटवर्क, तेजस नेटवर्क ने रेडियो एक्सेस नेटवर्क और टीसीएस ने इंटीग्रेशन का कार्य किया है। यह नेटवर्क पूरी तरह सॉफ्टवेयर-ड्रिवन, क्लाउड बेस्ड और भविष्य के लिए तैयार है। इस उपलब्धि के साथ भारत दुनिया का पांचवां देश बन गया है जिसके पास अपनी संपूर्ण 4जी स्टैक क्षमता है। अब भारत केवल सेवा उपभोक्ता ही नहीं, बल्कि तकनीकी उत्पादक और दूरसंचार क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि भारत वसुधैव कुटुंबकम की भावना के साथ इस स्वदेशी तकनीक को अपने मित्र देशों के साथ साझा करेगा। आज भारत वोकल फॉर लोकल से आगे बढ़कर लोकल टू ग्लोबल की दिशा में आत्मविश्वास से कदम बढ़ा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की देश वासियों को यह सौगात आत्म निर्भर भारत का सशक्त प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह केवल भारत की तकनीकी ताकत नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और डिजिटल समानता की गारंटी है। हर नागरिक, चाहे वह किसी भी भौगोलिक स्थिति में रहता हो, विश्वस्तरीय डिजिटल सेवाओं से जुड़ सकेगा।