सागर, 27 सितम्बर। अपर सत्र/ विशेष न्यायाधीश (विद्युत अधिनियम) जिला सागर प्रशांत सक्सेना की अदालत ने फर्जी प्रमाण पत्र मामले के आरोपी सुमित गड़रिया को धारा 420 भादंवि के तहत तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी लोक अभियोजन दीपक भंडारी ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि 26 मई 2018 को सहायक पुलिस महानिरीक्षक (चयन/ भर्ती) पुलिस मुख्यालय भोपाल से कार्यालय कमाण्डेंट दसवीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल सागर को पत्र क्र. पु.मु./2/चयन/स-3/1032-ए/18 प्राप्त हुआ। जिसमें शिकायतकर्ता जीएस बघेल की ओर से पुलिस मुख्यालय को प्रेषित पत्र प्राप्त हुआ तथा कमाण्डेंट दसवीं वाहिनी को बिन्दुबार जांच कर प्रतिवेदन भेजने हेतु निर्देशित किया गया। वस्तुत: वर्ष 2017 में विशेष सशस्त्र बल में आरक्षक की भर्ती हेतु अभियुक्त सुमित कुमार द्वारा ऑनलाइन आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था। 10 नवंबर 2017 को उज्जैन से शारीरिक प्रवीणता का परीक्षण होने में उत्तीर्ण होने के उपरांत उसके रोल नं.23561338 के आधार पर उसका चयन किया गया तथा उसे दसवीं वाहिनी सागर इकाई आवंटित की गई। मेडीकल परीक्षण उपरांत वह वापस अपने घर चला गया। इसी तारतम्य में शिकायतकर्ता जीएस बघेल ने पुलिस मुख्यालय भोपाल में अभियुक्त सुमित कुमार की शिकायत प्रेषित की। जिस पर कमाण्डेंट आरआरएस परिहार द्वारा 31 मई 2018 को दसवीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल सागर में पदस्थ सहायक सेनानी इन्द्रसिंह परस्ते को पुलिस मुख्यालय से प्राप्त पत्र तथा शिकायत बिन्दुवार जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के संबंध में पत्र लेख किया गया। जांच के अनुक्रम में अभियुक्त सुमित कुमार के कथन लेखबद्ध किए गए। उसने बताया कि उसका जाति प्रमाण पत्र एसडीएम भिण्ड के प्रकरण क्र. 8810/बी-121/जाति प्रमाण पत्र क्र. आर.एस./420/0101/7802/2017 दि. 6 जुलाई 2017 के आधार पर जारी हुआ है, जो सही है। अभियुक्त के अनुसार वह भिण्ड जिले में अपने चाचा आनंद सिंह के साथ नयापुरा जामना रोड भिण्ड में जन्म से निवासरत है तथा वह अनुसूचित जाति जाटव में आता है। जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि सुमित कुमार पुत्र श्याम सिंह निवासी नगलामनी, थाना बसरेहर, तहसील इटावा का रहने वाला होकर जाति से गड़रिया है, जो वहां ओबीसी कोटे में आती है। जांच में सुमित कुमार के पिता श्याम सिंह के कथन लेखबद्ध किए गए, जिन्होंने बताया कि अभियुक्त सुमित कुमार उसका पुत्र है, जिसकी उम्र 24 वर्ष है, उसके दो अन्य पुत्र रजनीश कुमार आईटीबी तथा अमित कुमार उत्तर प्रदेश पुलिस में कार्यरत है। वह गड़रिया ओबीसी जाति का है। उसके पिता मेवाराम पाल तथा उसके पितामह काशीराम पाल नगलामनी इटावा के ही रहने वाले थे।
जांच में सहायक सेनानी इन्द्रसिंह परस्ते ने यह पाया कि अभियुक्त सुमित कुमार ने भिण्ड जिले के जमना रोड का फर्जी पता लगाकर फर्जी जाति प्रमाण पत्र प्राप्त किया है तथा उसने अनुसूचित जाति के आधार पर विशेष सशस्त्र बल में आरक्षक जीडी के पद पर चयन प्राप्त किया है, जबकि वह पिछड़ा वर्ग में आता है। उसने एसडीएम भिण्ड के कार्यालय से कूटरचित निवास तथा जाति प्रमाण पत्र प्राप्त किया है तथा सत्य जानकारी को छिपाकर पूर्व नियोजित तरीके से कूटरचना कर छिपाया है। जांचकर्ता अधिकारी इन्द्रसिंह परस्ते ने तदाशय का प्रतिवेदन कमाण्डेंट दसवीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल सागर को प्रेषित किया तथा कमाण्डेंट द्वारा संकलित किए गए दस्तावेज, कथन की प्रति 16 जुलाई 2018 को सहायक पुलिस महानिरीक्षक (चयन/ भर्ती) पुलिस मुख्यालय सागर को प्रेषित किया गया। 15 नवंबर 2018 को इन्द्रसिंह परस्ते के जांच प्रतिवेदन के आधार पर कमाण्डेंट द्वारा पुलिस अधीक्षक सागर को पत्र क्र.10वीं/बटा./विसबल/स्टेनो/ए/2413-ए/18 दि. 15 नवंबर 2018 प्रेषित कर जांच प्रतिवेदन भी प्रेषित किया तथा अभियुक्त सुमित कुमार के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर जांच करने का अनुरोध किया। पुलिस अधीक्षक सागर को प्रेषित उक्त पत्र के आधार पर थाना मकरोनिया में 9 फरवरी 2019 को अपराध क्र.66/19 अंतर्गत धारा 420 भादंवि अभियुक्त सुमित कुमार गड़रिया के विरुद्ध दर्ज किया गया।
अनुसंधान के दौरान सहायक सेनानी इन्द्रसिंह परस्ते से उनके द्वारा की गई जांच का प्रतिवेदन तथा प्राप्त किए गए दस्तावेज प्राप्त कर जब्ती पंचनामा तैयार किया, घटना स्थल कार्यालय एसएएफ सागर जहां अभियुक्त ने कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत किये थे, का निरीक्षण कर नक्शा मौका तैयार किया। सहायक सेनानी इन्द्रसिंह परस्ते, सहायक उपनिरीक्षक दिनेश तिवारी के कथन उनके बताए अनुसार लेख किए। अनुसंधान के दौरान थाना मकरोनिया के पुलिस प्राधिकारी द्वारा तथा दसवीं बटालियन में प्रस्तुत किए गए जांच प्रतिवेदन में जांच कार्रवाई में सहयोग करने वाले जांच अधिकारी सहायक उपनिरीक्षक दिनेश तिवारी ने अभियुक्त के भिण्ड जिले में दिए गए पते के मकान मालिक ललिता गोयल, उसके पति आनंद गोयल के कथन लेखबद्ध किए, जिन्होंने बताया कि वह वार्ड क्र.24 नयापुरा भिण्ड की पार्षद है, उसके वार्ड में आनंद कुमार जाटव कई वर्षों से रह रहा है, सुमित कुमार नामक व्यक्ति आनंद जाटव का कोई रिश्तेदार नहीं है। तब अनुसंधान अधिकारी ने थाना भिण्ड देहात के आरक्षक फूलसिंह तथा संदीप सिंह रजावत के कथन उनके बताए अनुसार लेख किए थे, जिन्होंने व्यक्त किया कि दसवीं वाहिनी के सहायक उपनिरीक्षक उमेश तिवारी जांच हेतु थाना भिण्ड देहात आए थे, जिन्होंने आनंद सिंह की पत्नि से पूछताछ की थी। जिन्होंने बताया था कि अभियुक्त सुमित कुमार उसके यहां 4-5 माह ही किराये से रहा था। अनुसंधान के अनुक्रम में अभियुक्त के पिता श्याम सिंह, गांव वासी स्वतंत्र चौधरी के कथन उनके बताए अनुसार लेख किए थे। एक अक्टूबर 2020 को अभियुक्त सुमित कुमार को अभिरक्षा में लेकर उसके मेमोरेण्डम अंतर्गत धारा 27 साक्ष्य विधान के आधार पर उसका इटावा तहसील से जारी निवास प्रमाणपत्र तथा आधारकार्ड आदि प्रस्तुत करने पर जब्त कर जब्ती पंचनामा तथा उसे गिरफ्तार कर गिरफ्तारी पंचनामा तैयार किया गया।
पुलिस भर्ती में उपयोग किए गए प्रपत्रों को कमाण्डेंट दसवीं वाहिनी थाना मकरोनिया को प्रेषित किया गया। विवेचना उपरांत अभियुक्त सुमित कुमार द्वारा ग्राम नगलामनी थाना बसरेहर जिला इटावा का निवासी होकर जाति से गड़रिया होकर अन्य पिछड़ा वर्ग का सदस्य होते हुए भिण्ड जिले में अपना निवास बताते हुए स्वयं को जाटव अनुसूचित जाति का सदस्य बताते हुए अनुविभागीय आधिकारी भिण्ड से जाटव जाति का जाति प्रमाण पत्र प्राप्त कर आरक्षक की परीक्षा में उपयोग कर चयन प्राप्त किया। तब अन्य विवेचना उपरांत अभियोग पत्र 27 नवंबर 2020 न्यायिक मजिस्ट्रेट सागर के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां उपार्पण पर 22 दिसंबर 2020 को सत्र न्यायाधीश तथा 8 जनवरी 2021 को प्रकरण अंतरण पर इस न्यायालय को प्राप्त हुआ। जहां विचारण उपरांत अपर-सत्र/ विशेष न्यायाधीश (विद्युत अधिनियम) प्रशांत सक्सेना के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।







