नाबालिगा से दुष्कर्म करने के वाले आरोपी को 20 वर्ष का कारावास

रायसेन, 25 सितम्बर। अनन्य विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012) जिला रायसेन ने नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म करने के वाले आरोपी अरुण शिल्पकार उम्र 19 वर्ष निवासी ग्राम गुलगांव थाना सांची जिला रायसेन को धारा 87 बीएनएस में 5 वर्ष, धारा 65(1) बीएनएस में 20 वर्ष एवं पाक्सो एक्ट की धारा 5एल, सहपठित धारा 6 में 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। इस मामले में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक/ अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी रायसेन भारती गेडाम ने की।
अभियोजन मीडिया प्रभारी जिला रायसेन किरण नंदकिशोर के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि 7 सितंबर 2024 को अभियोक्त्री की मां ने थाना सांची में शिकायत की कि उसके दो लड़के व एक लड़की है। 6-7 सितंबर की रात्रि 12:30 बजे वह और उसकी सास घर पर तीज की पूजा कर रहे थे। उसके दोनों लड़के नीचे थे और अभियोक्त्री उम्र 14 वर्ष घर की छत पर थी, उसने अभियोक्त्री को पूजा के लिए नीचे बुलाया, किन्तु जब वह 15 मिनट तक नीचे नहीं आई तो फिर उसे छत पर जाकर देखा तो नहीं मिली, उसकी आस-पड़ोस में तलाश की तो औरतों ने बताया कि अभियोक्त्री स्तूफप रोड तरफ गई है। इस पर उसने 100 नंबर पर फोन लगाकर पुलिस को बुलाया और उनके साथ जाकर सीसीटीव्ही फुटेज चैक की, तो पता चला कि अभियोक्त्री रात्रि के एक बजे किसी लड़के के साथ बस में बैठकर चली गई है। उसकी अवयस्क लड़की को कोई अज्ञात व्यक्ति बहला-फुसलाकर अपहरण कर ले गया है। उसे राजकुमार अहिरवार निवासी ग्राम मरमटा पर शक है। अभियोक्त्री की उक्त देहाती नालसी पर से पुलिस थाना सांची द्वारा अपराध कायम कर एफआईआर दर्ज की गई। जांच के दौरान अनुसंधान अधिकारी ने घटना स्थल पर जाकर नक्शा मौका, वीडियोग्राफी पंचनामा बनाया। अभियोक्त्री के कथन लेखबद्ध किए, उसका डीएनए परीक्षण कराया, जिसमें सकारात्मक रिपोर्ट प्राप्त हुई। प्रकरण की संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहां अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य एवं दलीलों के आधार पर न्यायालय ने विचारण उपरांत अभियोजन साक्षियों की साक्ष्य विश्वसनीय पाई जाने, डीएनए रिपोर्ट पॉजिटिव प्राप्त होने के आधार पर यह प्रमाणित माना की अभियोक्त्री के साथ दुष्कर्म किया गया है।