भिण्ड, 24 सितम्बर। गोहद जनपद का जटवारा क्षेत्र काली गिट्टी का हब बन गया, यहां 2 दर्जन से अधिक काली गिट्टी के क्रेशर हैं। यहां कम गहराई में काला पत्थर होने से मप्र ही नहीं समीपवर्ती प्रांतों के व्यापारियों ने ऊंचे दामों में जमीन खरीदकर क्रेशर स्थापित किए, लेकिन वो पैंसो की चकाचौंध में नियमों को पैरों तले रोंदने लगे। यहां अवैध उत्खनन के साथ डीजल का अवैध भण्डारण, रॉयल्टी का खेल चल रहा था। शिकायत मिलने पर गोहद एसडीएम ने पाली स्थित क्रेशरों का निरीक्षण किया। यहां मौके पर संचालक उपस्थित नहीं थे। कर्मचारी मौके पर रॉयल्टी की रशीद, बिजली बिल एवं डीजल भण्डारण की अनुमति उपलब्ध नहीं करा सके, जिसके परिप्रेक्ष्य में गोहद एसडीएम ने अंजलि, सिद्धि विनायक एवं मां शारदा क्रेशर संचालकों को तीन दिवसीय नोटिस जारी किया है।
मानकों को नहीं किया जा रहा पूर्ण
क्रेशर स्थापित करने के लिए खदान पर दुर्घटना रोकने के लिए तार फेंसिंग एवं क्रेशर से उड़ने वाली डस्ट से बचाव के चतुरसीमा को टीनशेड से पैक किया जाना चाहिए, लेकिन यहां उड़ने वाली धूल से रहवासी बीमारियों के शिकार हो रहे हैं, वहीं कृषि योग्य भूमि की ऊर्बरा शक्ति समाप्त हो रही है।
गांवों के विकास में नहीं योगदान
क्रेशर संचालकों को चाहिए कि गांवों के विकास में अपना योगदान दें, साथ ही शिक्षा व स्वास्थ्य के लिए बेहतर प्रबंध करें, जिसके लिए आपका निश्चित फण्ड भी है लेकिन यहां बीमारी परोसी जा रही है।
अरबों में होगा जुर्माना
गोहद एसडीएम द्वारा अवैध उत्खनन को लेकिन अंजलि क्रेशर संचालक को 13 लाख घन मीटर का खनन पाया है अगर संबंधित क्रेशर संचालक रॉयल्टी की रशद पेश नहीं कर पाया तो जुर्माना अरबों रुपया में होगा।
इनका कहना है:
”गोहद के जनपद पंचायत पाली में स्थित क्रेशरों पर अवैध उत्खनन की शिकायत मिल रही थी, जिसके संदर्भ में मोके का निरीक्षण कर हल्का पटवारी से नाप कराकर क्रेशर संचालकों से रॉयल्टी की जानकारी प्रस्तुत करने हेतु नोटिस जारी किया है।”
राजन बी नाडिया, एसडीएम गोहद