भिण्ड, 11 सितम्बर। दबोह नगर के सिद्धेश्वर मोनी आश्रम पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस कथा वाचक आचार्य शिवम कृष्ण शास्त्री ने भगवान कृष्ण जन्म उत्सव प्रसंग सुनाया। इस दौरान वहां मौजूद श्रद्धालु कृष्ण भक्ति में नाचते झूमते दिखाई दिए ।इस दौरान भगवान श्रीकृष्ण को प्रतीकात्मक रूप से सर पर उठाकर एक छोटा सा चल समारोह भी निकला गया। कथा वाचक ने भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए कई रोचक प्रसंग सुनाए।
आचार्य ने कहा कि जब-जब पृथ्वी पाप के बोझ से दबने लगती है तथा पाप पड़ता है तब श्रीहरि अवतार लेकर पाप और पापी का नाश कर पुन: धर्म को स्थापित करते हैं। मथुरा के राजा कंस ने पाप का आचरण करते हुए अपने ही पिता को कारावास में डालकर सत्ता पर आसीन होकर प्रजा पर अत्याचार किया। और जब अपनी सगी बहन देवकी को उठाकर कारागार बंद कर दिया और देवकी की आठवीं संतान ही उसके कल का कारण बनेगी तो उसने अपनी बहिन देवकी व उसके पति वासुदेव को कारावास में बंद कर दिया। लेकिन श्रीहरि की कृपा से माया के कारण कारावास के बंद पड़े द्वार खुल गए व मायाबस वासुदेव भगवान कृष्ण को उफनती यमुना को पार कर सकुशल बाबा नंद के घर छोड़ देते हैं बाबा नंद के घर में पुत्र होने का समाचार पूरे नंद में आनंद छा जाता है। कथा के अंत में परीक्षित अनुष्का पत्नी महेंद सिंह कौरव खजुरिया के द्वारा महा आरती की गई और प्रसाद वितरण किया गया जिसमें भारी संख्या में श्रोतागण मौजूद रहे।
सिद्धेश्वर योगआश्रम के महंत पं. किशोरी शरण पाराशर ने बताया कि श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ में दिन में दोपहर 2 बजे से श्रीमद भागवत और रात्रि कालीन रामलीला का मंचन किया जा रहा है। यह आयोजन समस्त क्षेत्र वासियों धर्म प्रेमियों के जन सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।