बरासों जैन मन्दिर के जीणोद्धार का स्वप्न हुआ साकार

-विहसंत सागर महाराज का 125 उपवास की साधना का हुआ पारण

भिण्ड, 30 दिसम्बर। समाधिस्त गणाचार्य विराग सागर महाराज, पट्टाचार्य विशुद्ध सागर महाराज के शिष्य मेडिटेशन गुरू उपाध्याय विहसंत सागर महाराज ने भगवान महावीर स्वामी की समोसारण स्थली अतिशय क्षेत्र बरासों जैन मन्दिर में 125 उपवास की साधना का सोमवार को पारण हुआ।

जानकारी देते हुए पार्षद मनोज जैन ने बताया कि भगवान महावीर स्वामी की समोसारण स्थली अतिशय क्षेत्र बरासों जैन मन्दिर में पहली बार चातुर्मास करने वाले जैन संत मैडिटेशन गुरु उपाध्याय विहसंत सागर महाराज जब सन 2018 को दिल्ली में चार्तुमास कर रहे थे। तभी स्वप्न आते थे कि बरासों जैन मन्दिर की हालात जीर्ण शीर्ण है उसका जीर्णोद्धार कराओ, तभी से मन में जीर्णोद्धार कराने का विचार मन में था। होली के अवसर पर पहली बार भगवान का महा मस्तकाभिषेक कार्यक्रम 20 मार्च 2019 को कराया था। उन्होंने संकल्प लिया था कि जहां 8 वर्षों से भगवान खुले में विराजमान हों, हम कैसे छत के नीचे रह सकते हैं। तभी से उस टीले वाले मन्दिर का निर्माण कराने की सोच मन में थी। 55 माह के अंतराल में 125 उपवास की साधना कर उस मन्दिर के निर्माण का संकल्प पूरा किया, जो एक जनवरी 2025 को उस हॉल का उदघाटन कर समाज को सौंपेंगे।

नववर्ष पर हजारों श्रद्धालु करेंगे भगवान का महा मस्तकाभिषेक

महातीर्थ अतिशय क्षेत्र बरासो जैन मन्दिर में नववर्ष के अवसर पर मेडिटेशन गुरु विहसंत सागर महाराज के ससंग सानिध्य में हजारों श्रद्धालुगण भगवान महावीर स्वामी की भूगर्भ से प्राप्त लगभग दो हजार वर्ष पुरानी प्रतिमा का पहली बार महामस्तकाभिषेक केसरिया धोती पहनकर करेंगे। इसमें अनेकों प्रांतों से लगभग 70-80 बसें एवं 200 फोर व्हीलर वाहन आने की संभावना है।