भिण्ड, 28 अगस्त। कलेक्टर संजीव कुमार श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी संजय कुमार जैन के निर्देशन में बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना और मिशन शक्ति के तहत प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम साइबर सुरक्षा घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम एवं विभिन्न विभागी योजनओं के बारे में विस्तार से चर्चा की गई।
बाल संरक्षण अधिकारी अजय सक्सेना ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत जानकारी देते हुए अवगत कराया कि अधिनियम के तहत बालकों की उम्र 21 वर्ष एवं बालिका की उम्र 18 वर्ष से कम आयु पर शादी करना कानूनन अपराध है और यह एक संज्ञेय अपराध है और ऐसा करने पर न केवल वधू पक्ष अपितु शादी में सम्मिलित होने वाले सभी जैसे पंडित, धोबी, हलवाई, कैटरर, कार्ड प्रिंट करने वाला सभी लोग बराबर के अपराधी माने जाएंगे और कारवाई होने पर सभी लोगों पर भी कार्रवाई प्रचलित की जाएगी, ऐसी स्थिति में सभी स्टेकहोल्डरों का यह दायित्व है कि वह विवाह के पूर्व यह पूर्णत सुनिश्चित कर ले की विवाह होने वाले बालक और बालिका की आयु निर्धारित आयु सीमा बालक के लिए 21 वर्ष बालिका के लिए 18 वर्ष पूर्ण हो चुकी है।
कर्यशाला में उपस्थित सभी प्रतिनिधि पंडित, कैटरर, हलवाई, मैरिज गार्डन संचालक, नाई और प्रिंटिंग प्रेस आदि भी उपस्थित रहे और सबके द्वारा आश्वास्थ दिया गया कि आगे से उनके द्वारा आयु सीमा परीक्षण उपरांत निर्धारित दस्तावेज प्राप्त करने के बाद ही विवाह में सहयोग किया जाएगा। प्रशिक्षण के अगले चरण में परियोजना अधिकारी बरोही परशुराम शर्मा ने उपस्थित सभी प्रतिभागियों से अपील की कि अपने क्षेत्र में सघन परिक्षण करने और ऐसे सभी किशोरी बालिकाएं जिनकी उम्र 18 वर्ष के नजदीक हैं, उनका चिन्हांकन कर यह सुनिश्चित कर लेने की कहीं बाल विवाह कृत होने वाला तो नहीं है यदि ऐसा पाया जाता है तो समय पूर्व परामर्श के द्वारा बाल विवाह को रोका जा सकता है, जिससे दोनों पक्षों को होने वाली व्यावहारिक कठिनाइयों से बचा जा सकता है।
प्रशिक्षण के अगले चरण में उपस्थित सभी प्रतिभागियों को बाल संरक्षण अधिकारी अजय सक्सेना द्वारा दत्तक ग्रहण प्रक्रिया से अवगत कराया गया और बताया गया कि किसी भी स्थिति में कोई भी लावारिस बच्चा मिलने पर तत्काल इसकी सूचना प्रशासन को दें और बच्चा लेने हेतु इच्छुक दंपत्ति कारा पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करें और पात्रता अनुसार निर्धारित प्रक्रिया का पालन कर कार्यवाही करें। परशुराम शर्मा ने सभी से अपील की गई के कोई भी अनचाहा बच्चा इधर-उधर ना फेंका जाए, इस हेतु जागरुकता का प्रयास करें अगर हम एक बच्चे का भी जीवन बचा सकते हैं तो हमारे लिए बहुत सराहनीय पहल होगी।
प्रशिक्षण के अगले चरण में पोक्सो अधिनियम के बारे में जानकारी देते हुए अजय सक्सेना ने बताया कि पोक्सो अधिनियम के तहत बच्चों को पूर्ण संरक्षण प्रदान किया गया है, अधिनियम के तहत अपराध को छुपाना भी अपराध है, बच्चों का सतत व्यवहार देखते रहे किसी भी प्रकार के उनका व्यवहार में परिवर्तन होने पर तत्काल उनसे बात करें उन्हें सुरक्षित और असुरक्षित स्पर्श की जानकारी दें एवं बच्चों से मित्रवत व्यवहार रखें जिससे वह अपनी समस्त बात अपने अभिभावकों से साझा कर सकें, इसके बाद अधिनियम के तहत मिलने वाली कानूनी सुविधा यथा सपोर्ट पर्सन की नियुक्ति पुलिस अधिकारी का वर्दी में न होना, बच्चे की पसंद की जगह उसके कथन होना, आरोपी और बच्चे का सामना न करना जैसी विभिन्न प्रक्रिया से अवगत कराया गया।
प्रशिक्षण में परियोजना अधिकारी बरोही परशुराम शर्मा, प्रभारी परियोजना अधिकारी भिण्ड शहरी रजनी करोरिया, प्रभारी योजना अधिकारी भिण्ड ग्रामीण रिचा कुशवाहा, लेखापाल आनंद मिश्र, जितेन्द्र शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता संजय मिश्र, पर्यवेक्षक दीपेन्द्र शर्मा, विभिन्न स्टेकहोल्डर, पंडित, धर्मगुरू, कार्ड प्रिंट करने वाले, नाई, धोबी शहर लगभग 90 लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण किट एवं स्वल्पाहार वितरित किया गया। अंत में आभार प्रदर्शन लेखपाल आनंद मिश्रा द्वारा किया गया। परियोजना अधिकारी बरोही परशुराम शर्मा ने सभी से अपेक्षा की कि प्रशिक्षण में प्राप्त ऑफिशियल सामग्री का अध्ययन कर लें एवं बाल विवाह के संबंध में पूर्व से चिन्हाकन कर लें जिससे अंत समय अप्रिय स्थिति निर्मित ना हो।