जन समुदाय को शीत लहर के प्रकोप से बचाव हेतु एडवायजरी जारी

भिण्ड, 04 जनवरी। भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी मौसमी अनुमान के अनुसार शीतकालीन मौसम में प्रदेश के अधिकांश भागों में सामान्य से न्यूनतम तापमान होने की संभावना है। अत: सभी जिला प्राधिकरणों तथा संबंधित सभी विभागों द्वारा प्रदेश में संभावित शीत लहर (शीतघात) के प्रकोप को गंभीरता से लेते हुए इससे होने वाली क्षति को कम करने के लिए विभागीय एवं जिला स्तर पर सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। इस संबंध में गृह विभाग द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला शीत लहर के लिए कार्य योजना तैयार की जाए। जिला, तहसील, ब्लॉक, विभाग स्तर पर शीत लहर प्रबंधन के लिए एक नोडल अधिकारी नामांकित किया जाए। भारतीय मौसम विज्ञान द्वारा जारी शीत लहर चेतावनी को जिला कमाण्ड और नियंत्रण केन्द्र के माध्यम से जन सामान्य तथा संबंधित विभागों तक पहुंचाने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जाए। शीत लहर से बचाव के लिए अपनाई जाने वाली सावधानियों से संबंधित सुझाव का प्रचार प्रसार होर्डिंग तथा प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया, स्थानीय केबल टीवी नेटवर्क, एफएम, सामुदायिक रेडियो से किए जाने की व्यवस्था की जाए। बेघर, प्रभावित लोगों को आश्रय गृहों में स्थानांतरित किया जाये। बेसहारा एवं बेघर व्यक्ति सडक, मैदान में पाए जाने पर अलाव की व्यवस्था की जाए। स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से कम्बलों की व्यवस्था कर उन्हें वितरित किया जाए। स्कूल तथा शैक्षणिक संस्थाओं का कार्य समय, भारतीय मौसम विज्ञान द्वारा शीत लहर से संबंधित दी गई चेतावनी अनुसार आवश्यकता अनुसार एवं विधिवत स्कूल खुलने के समय में परिवर्तन करने हेतु आवश्यक आदेश जारी किए जाएं। जिले में स्थित सभी शासकीय अस्पतालों में शीत लहर प्रभावितों के उपचार के लिए विशिष्ट कार्य योजना बनाई जाए।
शीतलहर से पहले क्या करें
सर्दियों के कपडे पर्याप्त मात्रा में रखें, कपडों की कई परतें पहनना भी लाभदायक रहता है, आपातकालीन आपूर्तियों के लिए सभी जरूरी सामान तैयार रखें। शीतलहर के दौरान जितना संभव हो घर के अंदर रहें। ठण्डी हवा से बचने के लिए कम से कम यात्रा करें। अपने शरीर को सुखाकर रखें। यदि कपडे गीले हो जाएं, तो उन्हें तुरंत बदलें, इससे शरीर की ऊष्मा बनी रहेगी। मौसम की ताजा जानकारी के लिए रेडियो सुनें, टीवी देखें, समाचार पत्र पढें। नियमित रूप से गर्म पेय पिएं। बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ख्याल रखें। शीतदंश के लक्षणों जैसे उंगलियों, पैर की उंगलियों, कानों की लोब और नाक की नोक पर सुन्नता, सफेदी या पीलेपन के प्रति सजग रहें। शीतदंश से प्रभावित हिस्से की मालिश न करें, इससे अधिक नुकसान हो सकता है। शीतदंश से प्रभावित शरीर के हिस्सों को गुनगुने पानी में डालें। कंपकंपी को नजर अंदाज न करें यह एक महत्वपूर्ण अग्रिम संकेत है कि शरीर गर्मी खो रहा है। कंपकंपी महसूस होने पर तुरंत घर लौटें।