अभियुक्त पूर्व में भी पॉक्सो एक्ट में दोषसिद्ध होने से वर्धित दण्ड से किया दण्डित
सागर, 02 दिसम्बर। तृतीय अपर-सत्र/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) जिला-सागर नीलम शुक्ला की अदालत नेे बालिका के साथ छेडखानी करने वाले अभियुक्त चैनसिंह को धारा 354 भादंवि एवं पॉक्सो एक्ट की धारा 9टी/10 के तहत पांच-पांच वर्ष सश्रम कारावास एवं एक-एक हजार रुपए जुर्माने की सजा से दंडित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उपसंचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की। प्रकरण में अभियुक्त पर लैंगिक हमला करने के अपराध की पूर्व दोषसिद्धि थी, जिसे अभियोजन द्वारा प्रमाणित की गई। जिस कारण अभियुक्त को उपबंधित दण्ड से वर्धित दण्ड दिया गया है।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि बालिका ने थाना जैसीनगर में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि घटना दिनांक को वह अपने घर से स्कूल जा रही थी, जैसे ही मन्दिर के पास पहुंची तो पीछे से अभियुक्त चैनसिंह आया और उसने तौलिया से उसका मुंह दबा दिया और उसके साथ छेडखानी की, जब वह चिल्लाई तो उसके पीछे से गांव का व्यक्ति आ रहा था जिसे देखकर अभियुक्त भाग गया। बालिका ने घर आकर घटना के संबंध में अपनी मां व भाई को बताया, फिर थाना जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए एवं नक्शा मौका तैयार किया गया। उसके कथन लेख किए गए, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना जैसीनगर पुलिस ने धारा 323, 354, 506 भादंसं, धारा 7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं धारा 3(1)(द), 3(1)(ध), 3(2)(व्ही) अजा/अजजा (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) नीलम शुक्ला के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।