सागर, 31 जनवरी। अष्टम अपर-सत्र न्यायाधीश जिला-सागर श्री अब्दुल्लाह अहमद की अदालत ने शराब के नशे में पत्नी के सिर में डण्डा मारकर हत्या करने वाले आरोपी भैयालाल निवासी थाना अंतर्गत मोतीनगर को दोषी करार देते हुए धारा 302 भादंवि के तहत आजीवन कठोर कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड, धारा 323 भादंवि के तहत छह माह के कठोर कारावास से दण्डित किया है। मामले की पैरवी अपर-लोक अभियोजक रामबाबू रावत ने की।
जिला अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि फरियादी/ सूचनाकर्ता देवकी सौर ने 13 फरवरी 2021 को थाना मोतीनगर में उपस्थित होकर रिपोर्ट लेख कराई कि वह ग्राम भापेल में अपनी ननद सावित्रीबाई के घर घटना के करीब 10 दिन पहले आई थी। आठ फरवरी 2021 को रात्रि करीब 10-11 बजे वह अपनी ननद सावित्री के साथ उसके घर में बैठी थी, उसी समय उसका ननदोई आरोपी भैयालाल शराब पीकर आया। सावित्री ने आरोपी भैयालाल से कहा कि खाना खा लो, तो उसने खाना नहीं खाया बल्कि साबित्रीबाई को गालियां देने लगा, इस पर सावित्री के अभियुक्त को गालियां देने से मना किया और कहा कि खाना खाकर सो जाओ। इस पर से अभियुक्त ने सावित्री को जान से मारने की नियत से उसके सिर में डण्डा मार दिया, जिससे सावित्री वहीं गिर पड़ी। सूचनाकर्ता देवकी ने बीच-बचाव किया तो आरोपी ने उसके सिर में डण्डा मार दिया, जिससे वह भी गिर पड़ी। उसकी ननद मृतिका सावित्रीबाई मौके पर बेहोश हो गई थी, उसी समय मौके पर कलाबाई व उनकी बेटी प्रेमबाई आ गई थी। उसके बाद गांव के लोगों ने सरकारी वाहन 108 को बुलाकर तुरंत सावित्रीबाई को जिला अस्पताल सागर ले गए, सावित्रीबाई को सिर में अधिक चोट लगने व बेहोश होने के कारण डॉक्टरों ने उसे भोपाल हमीदिया अस्पताल भेज दिया था। इलाज के दौरान 11 फरवरी 2021 को रात्रि करीब दो बजे सावित्रीबाई की मृत्यु भोपाल हमीदिया अस्पताल में ही हो गई। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया। अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना मोतीनगर में धारा-294, 323, 506 भाग-2 एवं 302 भादंसं का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज करते हुए विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। उक्त मामले की विवेचना थाना प्रभारी सतीष सिंह ने की। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला आरोपी के विरुद्ध संदेह से परे प्रमाणित किया। जहां विचारण उपरांत अष्टम अपर-सत्र न्यायाधीश जिला-सागर श्री अब्दुल्लाह अहमद की अदालत ने दोषी करार देते हुए आरोपी को आजीवन कठोर कारावास की सजा से दण्डित किया है।