व्यापारी की मौत के बाद मण्डी से पलायन कर रहे हैं बाहर के व्यापारी

उड़ती धूल से व्यापारी परेशान, मण्डी बंद करने की दी चेतावनी

भिण्ड, 20 दिसम्बर। कृषि उपज मण्डी गोहद में करोड़ों रुपए का टैक्स आने के बाद भी किसानों व व्यपारियों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही। संभाग में बेहतरीन मण्डियों में शुमार गोहद की कृषि उपज मण्डी की हालत से व्यापारी व किसान परेशान हैं, मण्डी में चारों ओर धूल का गुब्बार नजर आता है। मण्डी प्रबंधन द्वारा परिसर में सीसी कराने के साथ ट्रॉली शेड बनवाने का प्रस्ताव मण्डी बोर्ड को भेजा है, लेकिन अब तक इसकी स्वीकृति नहीं मिली है। इस कारण किसानों द्वारा ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में भरकर लाया गल्ला अगर जमीन में गिरता है तो वह मिट्टी में मिल जाता है। इतना ही नहीं मण्डी प्रांगण में दिन भर धूल उड़ती रहती है, जिससे किसानों व व्यपारियों का हाल बेहाल हो जाता है।
मण्डी व्यपारियों के अनुसार धूल के कारण व्यापारी रामस्वरूप अग्रवाल निवासी कैथल हरियाणा की आठ दिन पहले मौत हो चुकी है, जिस कारण बाहर के व्यापारी पलायन कर रहे है। परिसर में सीसी कराने का प्रस्ताव कई वर्षों से लंबित चल रहा है। इसके लिए पांच महीने पहले पुन: लिखा पढ़ी की गई है, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया है। व्यापारी की मौत के कारण नाराज व्यपारियों ने मण्डी सचिव को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन के अनुसार मण्डी में तीन से चार इंच धूल जमा हो गई है, जिससे व्यापारी बीमार हो गए। मण्डी परिसर को पक्का किया जाए। रात के समय मे असमाजिक तत्वों का मण्डी में प्रवेश बन्द किया जाए। व्यापारियों को कहना है कि अगर मण्डी की मूलभूत समस्या का निराकरण नहीं हुआ तो व्यापारियों द्वारा 26 व 27 दिसंबर को मण्डी बंद करने की चेतावनी दी है।
यहां बता दें गोहद में अंचल की बड़ी कृषि उपज मण्डी है, धान की खरीद फरोख्त को लेकर इसकी पहचान है। यहां भिण्ड जिला व गोहद क्षेत्र के अलावा दतिया, मुरैना, ग्वालियर जिले के किसान भी खरीद फरोख्त के लिए आते हैं। सीजन में 500 से 600 ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़ी हो जाती है इतनी अधिक आवक के कारण मण्डी प्रांगण भी कम पड़ जाता है जबकि अन्य दिनों में इनकी संख्या 200 से 250 तक रहती है। इतनी बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉली का मतलब किसानों की संख्या इनसे चार से छह गुना तक होती है। यहां किसानों को उबड़ खाबड़ परिसर से परेशानी का सामना करना पड़ता है। कच्चे परिसर में कहीं गिट्टी पड़ी हुई है तो कहीं मिट्टी पसरी हुई है। ऐसे में कृषि उपज की तोल में परेशानी होती है। सर्वाधिक परेशानी बारिश होने पर होती है। क्योंकि मिट्टी दलदल में तब्दील हो जाती है। ज्ञापन देने वालों सचिव सुरेश बोहरे, जगदीश गुप्ता, अनिल सोनी, मनोज जैन, राकेश सिंघल, संदीप मदीना, मनोज गुप्ता, राजीव गुप्ता प्रमुख हैं।