अवैध रेत उत्खनन और ओवरलोड परिवहन पर रोक लगाई जाए : संतोष

भिण्ड, 19 दिसम्बर। जिले में रेत माफियाओं द्वारा अवैध रेत का उत्खनन और परिवहन कई सालों से जारी है। बीजेपी सरकार के प्रभारी मंत्री और विधायक भी यह मुद्दा उठा चुके हैं, फिर भी अवैध रेतउत्खनन और ओवरलोड परिवहन रुक नहीं रहा है। अवैध रेत के उत्खनन का सबसे बड़ा कारण है उत्खनन कर्ता सत्तारूढ़ दल के नेताओं से जुड़े हुए हैं। यह आरोपी नगर कांग्रेस अध्यक्ष संतोष त्रिपाठी ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में लगाए हैं।
त्रिपाठी ने कहा कि इस समय भिण्ड जिले में अवैध रेत उत्खनन पर रोक लगी है, फिर भी अवैध खदानों से उत्खनन कर रहे हैं, जिस कंपनी का पिछली साल ठेका हुआ था उसी कंपनी ने जगह-जगह नाके लगा रखे हैं, जहां चेकिंग के नाम पर अवैध वसूली होती है, जब इस साल ठेका ही नहीं हुआ है, रेत उत्खनन पर रोक लगी है, तो किसकी चेकिंग होती है। ये कंपनी शासन को करोड़ों के राजस्व का चूना लगा रही है। सरकार द्वारा जिस कंपनी को वह खनन का ठेका दिया गया है, उसने स्थानीय स्तर पर अन्य लोगों को ठेका दे रखा है, जिससे बेरोक-टोक मंजूर और बिना मंजूर खदानों से उत्खनन हो रहा है। एक रॉयल्टी से दो-दो तीन-तीन चक्कर लगवाए जाते हैं, जिससे सरकार को राजस्व की हानि होती है। अवैध ओवरलोड परिवहन की हालत यह है कि ओवरलोड भरे हुए रेत के डंपर और ट्रैक्टर-ट्रॉली भिण्ड जिले के हर थाने के सामने से निकलते हैं, लेकिन इन पर प्रभावी तरीके से रोक नहीं लग रही है, कहीं ना कहीं सत्तारूढ़ दल के नेताओं की सेटिंग से यह सब हो रहा है, रेत के ओवरलोड डम्पर और ट्रैक्टर-ट्रॉली से आए दिन दुर्घटना भी हो रही हैं, जिससे लोगों की जान जा रही है। भिण्ड शहर में दिनभर कभी भी ओवरलोड ट्रैक्टरों से रेत परिवहन होता हुआ दिख जाएगा, लेकिन प्रशासन को यह सब दिखाई नहीं देता। क्योंकि रेत के अवैध उत्खनन और ओवरलोड परिवहन की मिली भगत चल रही है, शासन को अवैध रेत के उत्खनन और ओवरलोड परिवहन पर तत्काल रोक लगानी चाहिए, जिससे राजस्व की हानि ना हो। जिला प्रशासन द्वारा अवैध रेत उत्खनन और ओवरलोड परिवहन पर रोक नहीं लगाई गई तो नगर कांग्रेस जल्द ही उग्र आंदोलन करेगी।