न्यायालय ने हत्या के अपराध में सुनाई उम्रकैद की सजा

फौजी ने अपनी ही पत्नी की गोली मारकर कर दी थी हत्या

भिण्ड, 13 अगस्त। तृतीय सत्र न्यायाधीश जिला भिण्ड दिलीप कुमार गुप्ता द्वारा विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजी एवं मौखिक साक्ष्य के आधार पर अंतिम तर्क के दौरान अभियोजक द्वारा दिए गए तर्को से सहमत होते हुए अभियुक्त को धारा 302 भादवि के अपराध में आजीवन कारावास एवं पांच हजार के जुर्माने से दण्डित किया गया।
जनसंर्पक अधिकारी अभियोजन चंबल संभाग इन्द्रेश कुमार प्रधान ने बताया कि 20 अगस्त 2018 को उपनिरीक्षक बीएस परिहार को सूचना मिली कि समीर नगर में गोली लगने से एक महिला की मृत्यु हो गई है। घटना स्थल पर पहुंचकर फरियादी शिवपाल सिंह के आधार पर देहाती नालिसी लेखबद्ध की गई कि फरियादी अपने गांव में था उसे गांव वालों ने बताया कि उसके भतीजे रघुराज ने भिण्ड में अपनी पत्नी मंजुलता उर्फ गुड्डन को गोली मार दी है, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। खबर मिलते ही वह समीर नगर भिण्ड में भतीजे आरोपी रघुराज सिंह के किराए के मकान में पहुंचा, जहां आरोपी रघुराज व बच्चे घर पर नहीं थे। बहू मंजूलता के सिर में गोली लगने से वह मृत हालत में पड़ी थी। आरोपी रघुराज अपने लाईसेंसी बंदूक से बहू मंजूलता को गोली मारकर बंदूक लेकर भाग गया था। फरियादी की रिपोर्ट पर पुलिस थाना देहात में आरोपी के विरुद्ध अपराध दर्ज कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
उल्लेखनीय है कि प्रकरण में सभी अभियोजन साक्षी पक्षद्रोही रहे और उनके द्वारा आरोपी के द्वारा घटना कारित किए जाने से इंकार किया गया। प्रकरण पूर्णत: परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आधारित था। प्रकरण में अभियुक्त रघुराज सिंह उर्फ पुत्तू सिंह भदौरिया पुत्र पालसिहं भदौरिया निवासी रूपसहाय का पुरा हाल समीर नगर भिण्ड के कब्जे से बरामद बंदूक एवं राउण्ड तथा घटना स्थल से बरामद खाली खोके प्रयोगशाला सागर भेजे जाने पर जांच पश्चात प्राप्त रिपोर्ट का अवलोकन करने पर न्यायालय द्वारा यह प्रमाणित पाया कि आरोपी से बरामद बंदूक और घटना स्थल से जब्त खाली खोके आरोपी से बरामद लाईसेंसी बंदूक से ही फायर किए गए हैं। इसी आधार पर न्यायालय द्वारा साक्षियों के पक्षद्रोही होने के बावजूद भी वेलेस्टिक रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को दोषसिद्ध किया गया।