विधिक साक्षरता कार्यक्रमों का हुआ आयोजन

भिण्ड, 14 अक्टूबर। मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर तथा प्रधान जिला न्यायाधीश/ अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड के आदेशानुसार तथा जिला न्यायाधीश/ सचिव जिविसेप्रा भिण्ड सुनील दण्डौतिया के मार्गदर्शन में समाज के हर वर्ग को कानूनी रूप से साक्षर एवं जागरुक करने के लक्ष्य के तारतम्य में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड द्वारा जिले के विभिन्न स्थानों पर विधिक साक्षरता एवं जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
राजेन्द्र कॉन्वेंट स्कूल भिण्ड में आयोजित शिविर में उपस्थिति न्यायाधीश (जेएमएफसी) भिण्ड सुश्री अनुराधा गौतम ने छात्र-छात्राओं को लोक अदालत एवं एडीआर व्यवस्था की उपयोगिता आदि के संबंध में सरलतम भाषा में संबोधित करते हुए बताया कि बच्चों को विद्यालय में ही यह शिक्षा प्रदाय की जानी चाहिए कि वे आपकी मतभेद को मैत्रीपूर्ण व सम्मानपूर्वक तरीके से सुलझाएं, जिससे कि वे आगे चलकर एक जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य निभाते हुए विवाद विहीन समाज का निर्माण कर सकें। इसके साथ ही उन्होंने लैंगिक अपराधों से संबंधित जानकारी भी दी।
सहारा इंटर नेशनल स्कूल ग्वालियर रोड भिण्ड में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित न्यायाधीश (जेएमएफसी) भिण्ड सुश्री मोहिनी भदौरिया ने छात्र-छात्राओं को पॉक्सो एक्ट तथा आईपीसी में वर्णित लैंगिक अपराधों के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि पॉक्सो अधिनियम 2012 के अंतर्गत लैंगिक अपराध न सिर्फ बालिकाओं बल्कि यदि बालकों के साथ घटित होता है तो उस अपराध के लिए अपराधी को समान कठोर सजा का प्रावधान है, परंतु यदि किसी बालक या उसके परिवारजनों को इस प्रावधान का ज्ञान नहीं है तो वह बालक के साथ हुए अपराध को अनदेखा कर सकता है। इसलिए समाज का कानूनी रूप से साक्षर होना अत्यन्त आवश्यक है।
नगर पालिका परिसर भिण्ड में आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में उपस्थित न्यायाधीश (जेएमएफसी) भिण्ड विशाल खाड़े ने उपस्थितजनों को मजिस्ट्रेट न्यायालयों में विधिक सहायता योजना एवं मध्यस्थता योजना की जानकारी देते हुए बताया कि यदि कोई व्यक्ति जो कि अदालत के समक्ष किसी अपराध के संदर्भ में पेश किया गया है तथा वह निजी अधिवक्ता नियुक्त करने में सक्षम नहीं है तो उसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से नि:शुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जाता है जिसकी मांग वह मजिस्ट्रेट के समक्ष कर सकता हैं।
उक्त शिविरों में जिला विधिक सहायता अधिकारी जिविसेप्रा भिण्ड सौरभ कुमार दुबे ने उपस्थितजनों को नालसा की आदिवासियों के अधिकारों का संरक्षण एवं प्रवर्तन योजना 2015 के आलोक में जानकारी देते हुए बताया किय आदिवासी हमारी परंपरा एवं संस्कृति के प्रतीक है, परंतु अशिक्षा, अंधविश्वास व आर्थिक दुर्बलता के कारण समाज की मुख्य धारा से जुडऩे में उन्हें कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए आप सभी यदि आदिवासी वर्ग आपके आस-पास रहता है, तो उसकी हर संभव मदद करें तथा कानूनी सहायता हेतु उन्हें नालसा हेल्पलाइन नं.15100 के बारे में जागरूक करें। इस अवसर पर पीएलव्ही विष्णु श्रीवास, बृजेन्द्र कुमार, सुमित यादव, कृष्ण सिंह, जितेन्द्र सिंह, विद्यालयों के प्राचार्य, शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राएं तथा नगर पालिका के अधिकारी/ कर्मचारीगण आदि उपस्थित रहे।