न्यायाधीशों ने बच्चों को दी मौलिक अधिकारों की जानकारियां

कई स्थानों पर विधिक साक्षरता कार्यक्रमों का हुआ आयोजन

भिण्ड, 12 अक्टूबर। जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिविसेप्रा भिण्ड सुनील दण्डौतिया के मार्गदर्शन में समाज के हर वर्ग को कानूनी रूप से साक्षर एवं जागरुक करने के लक्ष्य के तारतम्य में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड द्वारा भिण्ड जिले के विभिन्न स्थानों पर विधिक साक्षरता एवं जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।
सरस्वती शिशु मन्दिर, बटालियान रोड भिण्ड में आयोजित शिविर में चन्द्रशेखर राठौर न्यायिक मजिस्टे्रट प्रथम श्रेणी ने बच्चों को उनके मौलिक कर्तव्यों एवं भारतीय न्याय व्यवस्था के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हर बच्चे का कर्तव्य है कि वह भारत के संविधान, राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रगान आदि का उचित सम्मान करें तथा स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों द्वारा सुझाए गए मार्ग पर चलकर अपने चरित्र का निर्माण करें। बिहारी बाल मन्दिर अटेर रोड भिण्ड में अनुसूचित जाति एवं जनजातियों का कल्याण विषय पर आयोजित कार्यक्रम में पंचम अपर जिला न्यायाधीश भिण्ड दिनेश कुमार खटीक ने बच्चों को तथा उनके मौलिक अधिकारों एवं शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2010 तथा नालसा आदिवासियों के अधिकारों का संरक्षण एवं प्रर्वतन योजना 2015 के आलोक में आदिवासियों के लिए नि:शुल्क विधिक सहायता योजना के बारे में जानकारी दी।
बाल गृह अटेर रोड भिण्ड में आयोजित शिविर में विशेष न्यायाधीश भिण्ड डीपी मिश्र ने बच्चों को बालकों का यौन शोषण विषयांतर्गत पॉक्सो एक्ट के प्रावधानों की जानकारी देते हुए बताया कि यदि किसी बालक का यौन शोषण होता है तो उसे विशेष न्यायालय द्वारा उसके प्रकरण की सुनवाई की जाती है तथा इसके साथ ही उसकी काउंसलिंग, पुर्नवास आदि की भी सुविधाएं मुहैया कराईं जाती हैं तथा उसकी पहचान गुप्त रखी जाती हंै। शिविरों में उपस्थित जिला विधिक सहायता अधिकारी सौरभ कुमार दुबे ने बच्चों को प्राधिकरण द्वारा संचालित नि:शुल्क विधिक सहायता योजना, जनउपयोगी लोक अदालत आदि की जानकारी दी। इस अवसर पर पैरालीगल वालेंटियर्स बृजेन्द्र कुमार, सुमित यादव, शैलेन्द्र परमार तथा विद्यालय के प्राचार्य एवं शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।