जघन्य हत्याकाण्ड के आरोपी को मृत्युदण्ड या फांसी की सजा

आरोपी अपने माता-पिता, पत्नी व सात वर्षीय पुत्र की कुल्हाड़ी से मारकर की थी हत्या

रायसेन, 19 सितम्बर। अपर सत्र न्यायाधीश बरेली जिला रायसेन श्री सुधांशु सक्सेना के न्यायालय ने आरोपी जितेन्द्र पुत्र जालम सिंह पुर्विया उम्र 32 वर्ष निवासी ग्राम सेमरीघाट को कुल्हाड़ी से अपने माता-पिता, पत्नी व सात वर्षीय पुत्र की हत्या करने के आरोप में विरल से विरलतम अपराध मानते हुए मृत्युदण्ड या फांसी की सजा से दण्डित किया है। उक्त प्रकरण शासन द्वारा चिन्हित एवं जघन्य सनसनीखेज किए गए मामलों में से एक था। प्रकरण में राज्य की ओर से परैवी एडीपीओ बरेली सुनील नागा एवं एजीपी बरेली नरेन्द्र सिंह राजपूत ने की।
अभियोजन मीडिया प्रभारी जिला रायसेन श्रीमती शारदा शाक्य के अनुसार प्रकरण का संक्षेप में विवरण इस प्रकार है कि फरियादी ने थाना बरेली में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई गई कि 16 मई 2019 रात करीब 1:30 से दो बजे की बात है, मेरे ही पड़ोस में मेरे बड़े ससुर जालम सिंह का परिवार रहता है। रात में 1:30 से दो बजे बड़े ससुर के आंगन मे गोली चलने की आवाज आई तो मैं और बेटा जाग गए। देखा तो आरोपी की पत्नी की बचाओ-बचाओ की आवाज आ रही थी, जितेन्द्र उससे मारपीट कर रहा था, जितेन्द्र के हाथ मे बंदूक व कुल्हाड़ी थी। आरोपी की पत्नी को बचाने उसके माता-पिता गए तो जितेन्द्र ने उन्हें भी मारपीट कर घायल कर दिया, मैंने भी उसे रोका तो मेरे पीछे मारने दौड़ा तो मैं वहां से भागी, मेरे बेटे के बांए हाथ में भी कुल्हाड़ी के बैठे से मारा, वह भी जान बचाकर भागा। जितेन्द्र ने अपने सात वर्षीय बेटे को भी सिर में मारा, फिर मैंने पड़ोसी को जगाया और उन्हें बताया कि जितेन्द्र अपने माता-पिता, पत्नी और बेटे को मार रहा है, पड़ोसी आए तब तक जितेन्द्र मारपीट कर कुल्हाड़ी, बंदूक लेकर भाग गया। आरोपी द्वारा उसके माता-पिता, पत्नी व सात वर्षीय पुत्र की कुल्हाड़ी से मारकर हत्या की गई। उक्त रिपोर्ट पर थाना बरेली पुलिस ने अपराध क्र.241/19 धारा 302, 307 भादंस का पंजीबद्ध कर अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। जिसके शीघ्र निराकरण हेतु प्रकरण को शासन द्वारा चिन्हित किया गया। अपर सत्र न्यायाधीश बरेली के न्यायालय ने सोमवार को निर्णय के माध्यम से आरोपी जितेन्द्र पूर्विया को धारा 302 भादंसं (चार काउंट) में मृत्युदण्ड तथा धारा 25(1-ख)(क) आयुध अधिनियम में तीन वर्ष का कठोर कारावास व एक हजार रुपए अर्थदण्ड एवं धारा 27 आयुध अधिनियम में पांच वर्ष का कठोर कारावास व एक हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है।