भिण्ड, 24 अक्टूबर। दंदरौआधाम में परिसर में 1008 महामण्डलेश्वर महंत रामदास महाराज के सानिध्य में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दौरान शुक्रवार को कथा व्यास पं. दिनेश शास्त्री जयनगर चौकोटी वाले ने कहा कि इस संसार में भगवान की कथा ही सार है, मनुष्य तपस्या और योग से भगवान की भक्ति नहीं मिल पाती है, परंतु जो मनुष्य केवल भगवान का नाम ही जप करता है तो उस मनुष्य को भगवान की भक्ति मिलना आसान हो जाती है। कलयुग में मनुष्य को भजन करने का वातावरण नहीं मिल पाता है।
इस अवसर पर महामण्डलेश्वर महंत रामदास महाराज ने आशीष वचन देते हुए कहा कि हाथ का भूषण दान है। संतों की सेवा, गायों की सेवा, देवताओं की सेवा मनुष्य को करनी चाहिए। आज-कल मनुष्य मोह माया के चक्कर में फंसकर अनीति पूर्ण तरीके से पैसा कमाने में जुटा है। जिसका परिणाम अंतत: उसे भोगना पड़ता है। मानव मानव की तरह नहीं जी रहा है। कथा परिक्षत रामभरत पचौरी एवं गीता पचौरी हैं। इस मौके पर कुलदीप पचौरी, प्रदीप पचौरी, हरिओम पचौरी, शिवदीप पचौरी, योगेश पचौरी, सिवांत पचौरी सहित अनेक श्रद्धालु मौजूद रहे।







