भू जल संरक्षण सबसे अधिक कारगर : सरपंच

– जेएसएस द्वारा ‘बर्मीकम्पोस्ट व वाटर मेनेजमेंट’ कार्यशाला आयोजित

भिण्ड, 26 जुलाई। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रायोजित जन शिक्षण संस्थान भिण्ड द्वारा स्वच्छता पखवाडा का आयोजन 31 जुलाई तक किया जा रहा है। जिसके तहत शनिवार को ग्राम पंचायत रानी विरगवां में बर्मीकम्पोस्ट व वाटर मेनेजमेंट पर कार्याशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में मुख्य अतिथि ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच केदारनाथ शर्मा, सेवानिवृत्त उपयंत्री रामदत्त शर्मा रहे।
इस अवसर पर जन शिक्षण संस्थान भिण्ड के सहायक कार्यक्रम अधिकारी दिनेश शर्मा ने लाभार्थियों व अन्य लोगों की उपस्थिति में कार्यशाला का आयोजन किया। जिसका मुख्य विषय बर्मीकम्पोस्ट को बनाने की विधि व उपयोग तथा लाभ था। इसके साथ ही कार्यशाला में वाटर मेनेजमेंट को समझाने के लिए मॉडल का प्रयोग करते हुए डेमो प्रदर्शन किया गया एवं जल की महत्ता बताते हुए उसे सरंक्षित करने व भू जल स्तर बढाने की तकनीक पर चर्चा की गई। भू जल संबंर्धन हेतु मॉडल के माध्यम से बताया गया कि किस प्रकार मकान की छत का पानी हम सीधे जमीन में उतारकर संरक्षित कर सकते हैं, साथ ही पानी के दुरुपयोग को रोकने व जल भराव व जल निकासी का उचित प्रबंध कर स्वच्छता को बढाने के लिए जल प्रबंधन करने पर जोर दिया गया।
पूर्व सरपंच केदार शर्मा ने बताया कि जल अमूल्य है व हमारे जीवन का आधार है इसका उचित प्रबंधन आवश्यक है। उन्होंने नगरों व महानगरों में पानी की समस्या से जूझ रहे जनमानस के लिए भू जल संरक्षण को सबसे अधिक कारगर बताया। जल प्रबंधन के साथ ही बर्मीकम्पोस्ट के बारे में बताते हुए कहा कि पृथ्वी की मृदा उर्वरा शक्ति फर्टिलाजर व पेस्टीसाइड्स रासायनिक दवाओं के प्रयोग से नष्ट हो रही है व पैदा होने वाले अनाज व सब्जियों की पोषकता भी प्रभावित हो रही है। अत: हमें जैविक खाद जैसे- बर्मीकम्पोस्ट व गोबर खाद का प्रयोग करना चाहिए जिसके प्रयोग से पृथ्वी की उर्वरा शक्ति बढती है व पेदावार अधिक होती है। अंत में कार्यक्रम अधिकारी संतोश कुमार दुबे ने उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में 110 ग्रामीणों ने सहभागिता की।