नावालिग के दाह संस्कार के बाद उठा बवाल, पुलिस ने मामला जांच में लिया

भिण्ड, 20 जून। जिले के ग्राम धरई में 15 वर्षीय नाबालिक बच्ची के गुपचुप दाह संस्कार के बाद ऐसा बवाल मचा कि चाइल्ड लाइन के संचालक एवं पुलिस तक मौके पर पहुंच गई। संदेह इस बात से पैदा हुआ कि नाबालिग का दाह संस्कार क्यों किया गया, जबकि उसको तो जल प्रवाह अथवा दफनाया जाता है।
जानकारी के अनुसार देहात थाना क्षेत्र के ग्राम धरई में रविवार की सुबह 15 वर्षीय बच्ची की मौत के बाद ग्राम के धरई श्मशान घाट पर दाह संस्कार की खबर हवा की तरह फैली। खबर के बाद चाइल्ड लाइन संचालक शिवभान सिंह राठौर और देहात थाने की डायल 100 मौके पर पहुंची और मामले की जानकारी ली। मृतिका कुमारी मोहनी यादव पुत्री दिनेश यादव उर्फ पप्पू यादव की शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। जिसकी सूचना किसी को भी न दी जाकर बच्ची का दाह संस्कार कर दिया गया। पुलिस ने जब परिवार के लोगों से जब संपर्क करना चाहा तो कोई कुछ बता भी नहीं पा रहा था। जब पुलिस ने धरई ग्राम के सरपंच ब्रह्मदेव यादव से संपर्क किया तो सरपंच ने भी इस घटना के बारे में कोई जानकारी स्पष्ट नहीं दे पाई। तब पुलिस द्वारा मृतिका के चाचा के लड़के से बुलाकर पूछताछ की गई तो कमलेश यादव पुत्र रायसिंह यादव निवासी ग्राम धरई ने बताया कि गांव में करू यादव चाचा की बिटिया की शादी की तेल की रस्म 19 तारीख को की गई, तब मोहनी और उसकी मां भूरी देवी साथ गई थी। रात्रि को 10 बजे के लगभग वह अपने घर गांव से अटेर रोड पेट्रोल पंप के सामने ओझा नगर चली गई। सुबह फोन से सूचना आई की मोहनी को पता नहीं क्या हुआ है, मोहनी जाग ही नहीं रही है। शादी वाले घर में मातम की खबर को सुनकर परिवार के लोगों ने न बच्ची को अस्पताल दिखाया और नाही बच्ची की सूचना पुलिस को दी गई। सीधे ही उसको ग्राम धरई में मरघट पर दाह संस्कार कर दिया। इसकी सूचना देहात पुलिस एवं चाइल्ड लाइन को मिलते ही जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस को मौके पर मोहनी की जलती हुई डेडबॉडी मिली है। ऐसे में काफी सवाल खड़े हो रहे हैं। बच्ची का दाह संस्कार करना गलत है। हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार कुंवारे लड़के या लड़की का शव जल प्रवाह किया जाता है अथवा दफन किए जाने का विधान है। दाह संस्कार कर देने पर कानाफूसी का माहौल बना हुआ है। नाबालिग बच्ची के दाह संस्कार पर चाइल्ड लाइन संचालक शिवभान सिंह राठौर द्वारा पुलिस को पत्र लिख कर मर्ग कायम करने के लिए कहा गया है, ताकि बच्ची की संदिग्ध परिस्थिति में हुई मौत का सच सामने आ सके। उधर पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है।