‘गीतों की एक शाम, महदवा के नाम’ कवि सम्मेलन आयोजित

-जल संरक्षण, बेटी बचाओ, पर्यावरण, ग्राम्य सौन्दर्य विषयों पर हुई कविताएं

भिण्ड, 23 मार्च। खुशबू सामाजिक संस्था रौन एवं परशुराम कोचिंग महदवा के संयुक्त तत्वावधान में शिक्षाविद संजय सिंह आचार्य की जुडवां नातिनों के जन्मोत्सव और गीतकार डॉ. शिवेन्द्र सिंह के जन्म दिन के मौके पर विविध विषयी संगोष्ठी आयोजित की गई।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पर्यावरण प्रेमी रामराज पुरोहित एवं मिहोना से पधारे हास्य कवि हरीबाबू शर्मा ने जल संरक्षण व पर्यावरण पर प्रकाश डालते हुए अपने वक्तव्य व कविताएं पेश की। उन्होंने संदेश देते हुए कहा कि-बहुएं मिलें सभी को, ये संकल्प ठान लो, कन्या न मारो गर्भ में, बस बात मान लो। इस के बाद आलमपुर से पधारे बुंदेली भाषा के कवि हरनारायण हिण्डोलिया ने ग्राम प्रधान, भिण्ड जिले पर अपनी कविता में कहा कि-आओ तुमको सैर करावें, अपने भिण्ड महान की, बंजर को उपजाऊ कर रए, छाती फटे किसान की। भीमनगर से पधारे ओज कवि नागेन्द्र सिंह निर्वाण ने कहा-सिपाही हूं वतन का मैं, इसे सम्मान देता हूं, तिरंगा थाम सरहद पर, वतन पर जान देता हूं। लहार से पधारे ब्लॉक समन्वयक सुनील कुमार चतुर्वेदी ने जल संरक्षण एवं पर्यावरण पर अपने विचार प्रस्तुत किए, उन्होंने ये मुक्तक पढा- जो करते काम मेहनत से, वही यश कीर्ति पाते हैं, जो जन श्रम साध्य होते, वो यश वैभव कमाते हैं।
गोष्ठी का संचालन खुशबू संस्था रौन के अध्यक्ष गीतकार डॉ. शिवेन्द्र सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि दिवाली, ईद, होली सब, बिना बेटी अधूरे हैं, इबादत, भागवत, रोजा, बिना बेटी न पूरे हैं, बिना बेटी नहीं सावन, बिना बेटी न रंगोली, जो घर में हो बहू बेटी, तो चारों धाम पूरे हैं। भिण्ड से पधारे कवि शिक्षक अरविन्द सिंह भदौरिया ने कवियों और समाजसेवियों का शॉल श्रीफल से सम्मान किया। आयोजक शिक्षाविद संजय आचार्य ने कवि सम्मेलन और संगोष्ठी हेतु सभी अतिथियों, कवियों व श्रोताओं का आभार व्यक्त किया।