पांच कुण्डीय गायत्री महायज्ञ एवं संस्कार कार्यक्रम आयोजित

-गायत्री परिवार ने गायत्री मंदिर कुम्हरौआ में कराया आयोजन

भिण्ड, 02 फरवरी। गायत्री प्रज्ञापीठ कुम्हरौआ भिण्ड पर गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य की आध्यात्मिक जन्म दिवस बसंत पंचमी के अवसर पर मां सरस्वती देवी एवं बसन्त पूजन एवं वाद्य यन्त्र पूजन के साथ पांच कुण्डीय गायत्री महायज्ञ एवं संस्कार का आयोजन किया गया।
यज्ञायोजन में दीक्षा संस्कार एवं कई अन्य संस्कार संपन्न किए गए। इसके अलावा सूर्योदय से सूर्यास्त तक अखण्ड जप एवं अखण्ड रामचरित मानस का पाठ एवं शाम को महादीप यज्ञ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिला समन्वयक सतेन्द्र सिंह राजावत, सह समन्वयक भानूसिंह भदौरिया, मुख्य प्रबंधक बच्चूसिंह नरवरिया तहसील समन्वयक सुरेन्द्र सिंह चौहान, देवालय प्रबंधक रामप्रकाश सविता, मंच संचालक मनोज गुप्ता, सह प्रबंधक देवेन्द्र सिंह राजावत, प्रमोद सिंह भदौरिया, जुगल किशोर दीक्षित, रामप्रकाश गुप्ता, रामहरी पाण्डे, शैलेन्द्र ओझा, सत्यनारायण सिंह कुशवाह, सत्यम सोनी, विजय दैपुरिया, जयसिंह भदौरिया, प्रभात उपाध्याय, श्रीनिवास शर्मा, डॉ. धीरज सिंह गुर्जर, डॉ. बरुण शर्मा, डॉ. राधेश्याम शर्मा, महेन्द्र सिंह भदौरिया, रूपसिंह भदौरिया, मेहगांव तहसील समन्वयक रवि दीक्षित, रेनू दीक्षित, सरोज दीक्षित, चंद्रकांता भदौरिया, प्रतिभा सिकरवार, गुड्डी गहलोत, सुशीला राजावत एवं गायत्री परिवार के अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
गायत्री महायज्ञ से पर्यावरण शोधन
यज्ञाचार्य बताते हैं कि यज्ञ के दौरान सुगंधित पदार्थ हवा में फैल जाते हैं और उपनिवृक विषैले जीवों के खिलाफ पौधों को सुरक्षा प्रदान करते हैं। यज्ञ करने से हमें जो ऑक्सीजन प्राप्त होती हैं, वह हमारे पर्यावरण को शुद्ध करती है। सामायिक पर्यावरणीय विकृतियों में कमी लाने तथा विश्व के सभी प्रजातियों को स्वस्थ एवं सुखी बनाने में यज्ञ परम सहायक है। यज्ञ के माध्यम से मंत्र शक्ति का प्रयोग लोक, राष्ट्र एवं विश्व कल्याण तथा आत्म शुद्धि के लिए होता है। यज्ञाग्नि की सुगंधित वायु पर्यावरण में फैले विषाणुओं को नष्ट कर पर्यावरण को शुद्ध करता है। भौतिक या आध्यात्मिक यह सभी रूपों में राष्ट्रहित में कल्याण कारी है।