– न्यायालय ने संदेह का लाभ देते हुए चार आरोपियों को किया दोषमुक्त
सागर, 21 अगस्त। विशेष अपर-सत्र न्यायाधीश जिला सागर प्रशांत कुमार सक्सेना की अदालत नेे घातक हथियारों से मारपीट कर हत्या करने वाले आरोपीगण लल्लू यादव, आकाश यादव, पप्पू उर्फ लीलाधर यादव को धारा 302/34 भादंवि के तहत आजीवन सश्रम कारावास एवं दो-दो हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 307/34 के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास एवं दो-दो हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया है। शेष चार आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया गया है। मामले की पैरवी प्रभारी उपसंचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सौरभ डिम्हा ने की।
जिला अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने बताया कि 30 मई 2022 को फरियादी बृजेन्द्र यादव ने अस्पताल सागर में रिपोर्ट लेख कराई कि वह अपने भाई पुष्पेन्द्र यादव के साथ रात्रि लगभग 9.30 बजे मकरोनिया से मोटर साइकिल से अपने काम निपटाकर अपने गांव बडतूमा वापस लौट रहा था। रास्ते में पटवारी प्रशिक्षण शाला बडतूमा पहुंचने पर बडतूमा निवासी लल्लू यादव अपनी बुलेरो जीप लेकर आया तथा जान से मारने की नियत से उनकी मोटर साइकिल में टक्कर मारी, जिससे दोनों लोग जमीन पर गिर गए। बुलेरो जीप में से अभियुक्तगण लल्लू यादव, राकेश यादव, नीलेश मेहतर, पप्पू यादव, आकाश यादव, बिट्टू यादव, दीपचंद उर्फ गचाडी यादव तथा दौलत यादव एकराय होकर गाडी से उतरकर आए तथा लाठी, पाइप, रौड, हथौडा तथा सब्बल लेकर जान से मारने की नियत से उसे तथा उसके भाई पुष्पेन्द्र की मारपीट करने लगे। लल्लू ने पुष्पेन्द्र को हथौडा मारा, जिससे खून निकलने लगा, दौलत यादव ने सब्बल से पुष्पेन्द्र के दोनों पैरों में मारा, पप्पू तथा राकेश भी कुल्हाडी लेकर आए तथा पुष्पेन्द्र की मारपीट की जिससे उसे सिर, कमर, पीठ में चोटें आई। मैं बचाने आया तो गचाडी यादव ने लोहे के पाइप से सिर तथा कोहनी में मारा। अभियुक्त आकाश, नीलेश तथा बिट्टू भी पाइप लेकर आए तथा उसकी मारपीट करने लगे। जिससे उसे पीठ, सिर व शरीर में अन्य जगह चोटें आई। हम दोनों लोग जान बचाकर मुहल्ले की तरफ भागे तो मुहल्ले के लोग आ गए, जिन्हें देखकर सभी अभियुक्तगण भागने लगे तथा गाली देते हुए बोले कि आज तो बच गए आइंदा मिले तो जान से खत्म कर देंगे। फिर मैंने अपने मोबाइल से 100 नंबर डायल कर पुलिस को बुलाया। थाना मकरोनिया की पुलिस मौके पर आई और आहतगण को गाडी से लेकर जिला चिकित्सालय सागर पहुंचे, जहां दोनों आहत का मेडीकल परीक्षण कराया गया। आहतगण को आगामी चिकित्सा के लिए बुंदेलखण्ड मेडीकल कॉलेज सागर रेफर किया। दोनों ही आहतगण को आगामी उपचार के लिए राय अस्पताल सागर ले जाया गया। इलाज के दौरान आहत पुष्पेन्द्र की मृत्यु हो गई। उक्त आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-मकरोनिया पुलिस ने भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 147, 148, 294, 307, सहपठित धारा 149 एवं धारा 302, सहपठित धारा 149 तथा 506 भाग 2 का अपराध आरोपियों के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों की साक्ष्य न्यायालय में कराई गई एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं बहस के दौरान उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के महत्वपूर्ण न्यायदृष्टांत पेश किए गए एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत विशेष अपर सत्र न्यायाधीश जिला सागर प्रशांत कुमार सक्सेना के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।