आदिवासी समुदाय हमारी सांस्कृतिक धरोहर : डॉ. सेंगर

-चिंतक भिण्ड जिले के एकमात्र आदिवासी साहित्यकार : डॉ. कुशवाह

भिण्ड, 11 अगस्त। आदिवासी समुदाय हमारी सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है, उनकी परंपराएं वा जीवन शैली प्रकृति से जुडने तथा उसकी रक्षा करने की प्रेरणा देती हैं। अत: मानव समुदाय और प्रकृति परस्पर अन्योनाश्रित है। यह विचार डॉ. सुखदेव सिंह सेंगर ने अखिल भारतीय साहित्य परिषद जिला शाखा भिण्ड द्वारा शिक्षक कॉलोनी में विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष्य में भिण्ड के साहित्यकार दर्शनलाल गौड चिंतक के सम्मान समारोह पर व्यक्त किए।
इस अवसर पर साहित्य परिषद के जिला अध्यक्ष डॉ. परमाल सिंह कुशवाह ने बताया कि दर्शनलाल गौड ग्वालियर-चंबल संभाग के एकमात्र आदिवासी समुदाय के साहित्यकार हैं जिनकी कई कृतियां प्रकाशित हुई है, अन्य किसी का साहित्य प्रकाश में नहीं आया है। इस अवसर पर दर्शनलाल गौड चिंतक को शॉल, श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में अनिल भदौरिया, जयेश राजावत, राधारमन, निर्मल, श्रीमती अजय कुमारी, भक्ति थापक आदि उपस्थित थे।