सागर, 26 दिसम्बर। तृतीय अपर सत्र/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) जिला सागर नीलम शुक्ला की अदालत नेे नाबालिगा को शादी का झांसा देकर भगा ले जाकर दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त राहुल अहिरवार को धारा 366 भादंवि के तहत पांच वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 376(3) भादंवि में 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए अर्थदण्ड तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 5एल/6 में 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उपसंचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता (पीडिता के पिता) ने थाना राहतगढ में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि नाबालिग पीडिता सात सितंबर 2021 को स्कूल जाने का कहकर घर से निकली थी, किंतु स्कूल से घर वापस नहीं आई, जिसकी तलाश करने पर उसका कोई पता नहीं चला। संदेही राहुल अहिरवार द्वारा बालिका को बहला-फुसलाकर भगाकर ले जाने की शंका व्यक्त की। 13 दिसंबर 2021 को पीडिता के दस्तयाब होने पर उसने अपने कथनों में अभियुक्त द्वारा शादी का झांसा देकर भगा ले जाकर शारीरिक संबंध बनाया जाना बताया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना राहतगढ पुलिस ने धारा 363, 366ए, 376(3), 376(2)(एन) भादंसं एवं पॉक्सो एक्ट की धारा 5एल/6 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत तृतीय अपर सत्र/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।