बिजली की बचत ही निर्माण को पलीता लगा रहा विभाग
भिण्ड, 24 दिसम्बर। बिजली की बचत को ही निर्माण माना जा सकता है, लेकिन इस मामले में मेहगांव नगर परिषद के अधिकारी कतई ध्यान नहीं दे रहे हैं। यहां निकाय क्षेत्र की स्ट्रीट लाइटें दिन में भी जलती रहती हैं। एक ओर सरकार जहां बिजली बचत करने की बात कहती है, वहीं यह लापरवाही सरकार की मंशा को पलीता लगा रही है।
अघोषित बिजली कटौती से लेकर मनमाने बिजली बिल की मार झेलते उपभोक्ताओं की शिकायतें आए दिन देखने को मिलती रहती हैं, जिस पर आए दिन उपभोक्ताओं और बिजली विभाग के बीच शिकवा शिकायतों के दौर के चलते हैं। समाधान संबधी शिविर के आयोजन भी बिजली विभाग द्वारा चलाकर समस्याओं के समाधान की इतिश्री कर दी जाती रहती है। लेकिन बिजली की अनावश्यक खपत की ओर विभाग के अधिकारी कर्मचारियों का ध्यान कभी नहीं जाता है जबकि नगर में आए दिन स्ट्रीट लाइटों का जलते रहना आम बात हो गई है।
बिजली की अनावश्यक खपत
अनावश्यक रूप से बिजली की खपत बिजली विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों की लापरवाही का नतीजा होकर उपभोक्ताओं के सिर पर अनावश्यक रूप से लादा जाता रहा है, जिसका खामियाजा कहीं न कहीं उपभोक्ताओं को ही भुगतना पडता है।
कई बार किया है आगाह
समाचार पत्रों के माध्यम से बिजली विभाग के अधिकारियों एवं नगर परिषद के अधिकारियों को कई बार आगाह किया जा चुका है। बावजूद इसके कस्बे में अनावश्यक रूप से जलती स्ट्रीट लाइटों पर ध्यान नहीं दिया गया।
निकाय की है जिम्मेदारी
इस संबंध में बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नगरीय निकाय क्षेत्र की स्ट्रीट लाइट को चालू एवं बंद करने तथा रख रखाव एवं देख-रेख की जिम्मेदारी नगर परिषद की है। उसे इस कार्य के लिए नियुक्त कर्मचारी से यह काम कराना होता है। बिजली विभाग तो स्ट्रीट लाइट की सप्लाई एवं लाइन की मरम्मत आदि के लिए जिम्मेदार है। स्ट्रीट लाइट को चालू एवं बंद करने के लिए नहीं, यह काम निकाय का है।
इनका कहना है-
स्ट्रीट लाइट जलाने एवं बंद करने के लिए निकाय की ओर से कर्मचारी को जिम्मेदारी दी गई है। सुबह समय पर बंद क्यों नहीं की जाती, इसके लिए संबंधित कर्मचारी को हिदायत दी जाएगी।
मनोज शर्मा, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद मेहगांव