– राकेश अचल
भारत में पिछले 24 घण्टे में कोरोना के 752 नए मरीज मिले हैं और चार लोगों की मौत हो गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकडों के अनुसार शनिवार को कोविड के सक्रिय मामलों की संख्या 3,420 पर पहुंच गई है। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं बल्कि लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। लेकिन आशंका जताई जा रही है की जेएन-1 आगामी लोकसभा चुनावों को भी प्रभावित कर सकता है। यानि यदि जेएन-1 की रफ्तार न थमी तो लोकसभा चुनाव टाले भी जा सकते हैं।
आपको याद होगा कि इससे पहले कोविड साल 2020 और 2021 में कितना कोहराम मचा चुका है। दुनिया और देश से कोविड विदा जरूर हो गया था, लेकिन उसने दुनिया को ‘अलविदा’ नहीं कहा था। कोविड रूप बदल-बदल कर दोबारा लौटने की कोशिश करता रहता है, लेकिन मनुष्य की प्रबल इच्छाशक्ति उसे अब तक रोके हुए है। दुनिया ने कोरोना मीटर को बंद नहीं किया है। आज भी कोरोना यानि कोविड नापने की घडी मंथर गति से चल रही है। ये बात अलग है कि अब हम सब इस घडी को देखना भूल गए है। जेएन-1 की दस्तक सुनकर मैंने आधी रात को उठकर कोविड घडी पर नजर डाली तो देखा कि वो टिक-टिक कर चल रही है। इस घडी के मुताबिक 23 दिसंबर 2023 की आधी रात तक दुनिया में कोविड के 70 करोड 02 लाख 61 हजार 68 मामले दर्ज किए जा चुके थे।
आपको बता दें कि कोविड 2020 से अब तक दुनिया में 69 लाख 60 हजार 38 लोगों की जान ले चुका है और अब भी उसकी भूख मिटी नहीं है। कोविड से लडाई में पूरी दुनिया ने सामूहिक रूप से कोशिशें की, वैक्सीन बनाई और कोविड वायरस को हारने में कामयाबी हासिल की, नतीजा ये हुआ कि दुनिया ने 67 करोड 14 लाख 49 हजार 622 लोगों को कोविड के मुंह में जाने से रोक लिया, यानि उनकी जान बचा ली। लेकिन कहते हैं कि मौत एक बारे घर देख ले तो बार-बार लौटकर दस्तक देती है। कभी उसे कामयाबी मिलती है और कभी नहीं।
दुनिया ने 29 जनवरी 2020 को कोविड मीटर शुरू किया था और रोजाना पूरी दुनिया में दर्ज होने वाले कोविड मरीजों, मौतों और कोविड से बचाए गए लोगों की गणना करना शुरू की थी। कुछ समय के लिए ये कोविड मित्र बंद कर दिया गया था, लेकिन अब इसे दोबारा शुरू कर दिया गया है। ताजा सूचनाओं के मुताबिक अभी अमेरिका में आठ और जर्मनी में 138 तथा भारत में चार लोगों की मौत की सूचनाएं दर्ज की गई हैं। अमेरिका में 6493 और जर्मनी में 4342 नए मामले दर्ज किए गए। भारत में अभी कुल 752 नए मामले प्रकाश में आए हैं, लेकिन सक्रिय मरीजों की संख्या तीन हजार को पार कर गई है।
दुनिया के साथ-साथ अब भारत में भी कोरोना का नया अपडेट तैयार किया जाने लगा है। नए अपडेट के अनुसार अपडेट किए गए मंत्रालय के आंकडों के अनुसार, 17 राज्यों में कोविड-19 के एक्टिव मामलों में बढोत्तरी हो रही है, जिसमें केरल (266), कर्नाटक (70), महाराष्ट्र (15), तमिलनाडु (13) और गुजरात (12) शामिल हैं। भारत में 640 ताजा कोविड-19 संक्रमण और एक मौत दर्ज की गई। पिछले दिन एक्टिव केस 2669 से बढकर 2997 हो गए और शनिवार को यह आंकडा 3420 हो गया। कोरोना के नए सब वैरिएंट ने दुनिया भर के 40 से अधिक देशों में दस्तक दे दी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो पिछले चार हफ्तों के दौरान विश्व में नए मामलों की संख्या में 52 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस अवधि के दौरान आठ लाख 50 हजार से अधिक नए मामले सामने आए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि पिछले 28 दिनों की अवधि की तुलना में नई मौतों की संख्या में आठ प्रतिशत की कमी आई है, तीन हजार से अधिक नई मौतें दर्ज की गई हैं।
कोविड के नए वेरिएंट की दस्तक उस समय सुनाई दे रही है जब भारत में आम चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी है। भारत में 18वीं लोकसभा के लिए अप्रैल 2024 तक चुनाव कराए जाने हैं। ये चुनाव देशकाल, परिस्थितियों को देखते हुए आगे-पीछे भी कराए जा सकते हैं। सत्तारूढ दल इस समय अपनी लोकप्रियता के चलते लोकसभा के चुनाव समय पूर्व करने के फेर में है। यानि चुनाव फरवरी में ही कराए जा सकते हैं। इसी हिसाब से केन्द्रीय चुनाव आयोग ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन यदि कोविड के नए वेरिएंट ने उत्पात मचाया तो इन चुनावों को आगे भी बढाया जा सकता है, लेकिन ये एक काल्पनिक स्थिति है। भारत में लोकसभा के समयपूर्व चुनाव करने का लंबा इतिहास है। कभी लोकसभा पूरे पांच साल चली, तो कभी केवल 16 महीने भी। 11वीं लोकसभा तो केवल डेढ साल ही चल पाई थी। यानि इस देश में 40 महीने में लोकसभा के चुनाव तीन बार भी हो चुके हैं।
अभी तो इसी बात की संभावना है कि सरकार कोविड के नए वेरिएंट के प्रबल होने से पहले ही लोकसभा के चुनाव करा ले, लेकिन 22 जनवरी को राम मन्दिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मानाने के बाद ही मौजूदा सरकार लोकसभा चुनाव करना चाहती है। लोकसभा चुनावों को टालने का अभी सरकार का कोई मन नहीं है, लेकिन विषम परिस्थितियों में कब, क्या हो जाए कोई नहीं जानता। हम सबको प्रार्थना करना चाहिए कि लोकसभा चुनावों पर कोविद का बुरा साया न पडे। इसके लिए आवश्यक है कि सरकार के साथ हम सब भी जेएन-1 की रोकथाम के लिए अभी से सतर्कता बरतना शुरू कर दें, ताकि हमें फिर एक बार मुसीबतों का सामना न करना पडे।