गौवंश का वध करने एवं गौ मांस को कब्जे में रखने वाले पांच आरोपियों को दो-दो वर्ष का कारावास

न्यायालय ने आरोपियों पर 60-60 हजार का जुर्माना भी लगाया

सागर, 24 नवम्बर। न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी जिला सागर आशीष शर्मा की अदालत ने गौवंश का वध करने एवं गौ मांस को कब्जे में रखने वाले आरोपीगण मुन्नी उर्फ सोफिया, रब्बानी, जिलानी, मुब्बु एवं राजा उर्फ मुबीन को दोषी करार देते हुए गौवंश प्रतिषेध अधिनियम की धारा 4/9(1) के तहत दो-दो के वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच-पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 5/9(2) में छह-छह माह के सश्रम कारावास एवं पांच-पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, पशु क्रूरता अधिनियम में 50-50 रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी अमित जैन ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि थाना प्रभारी केंट पुलिस को तीन मई 2015 को सूचना मिली, जिसकी तस्दीक हेतु हमराह स्टाफ के साथ कजलीवन टपरिया गए थे। कंट्रोल रूम सागर को सूचना देने पर पर्याप्त बल मौके पर आने से रब्बानी मुसलमान, जिलानी, मुब्बु, राजा मकरानी मौके का फायदा उठाकर भाग निकले। मौके पर पहुंच कर साक्षीगण के समक्ष मुन्नी उर्फ सोफिया के मकान की तलाशी ली गई। मुन्नी उर्फ सोफिया के मकान के सामने से दो कमरे अंदर तीसरे कमरे में एक सफेद रंग की गाय जिसकी आधी गर्दन कटी हुई मृत, लोहे का एक धारदार बका, लोहे की एक आरी, एक सफेद गाय के कटे हुए चार पैर, एक चद्दर का पीका जिसमें गाय की चर्बी रखी थी का तलाशी पंचनामा तैयार कर घटना स्थल से आरोपी मुन्नी उर्फ सोफिया को गिरफ्तार किया गया। थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना केंट पुलिस ने धारा 153क भादंसं, 4/9(1), 5/9(1) गौवंश प्रतिषेध अधिनियम एवं 11(घ) पशु क्रूरता अधिनियम का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन विवेचना उपरांत यह प्रमाणित करने मे सफल रहा कि अभियुक्तगण ने तीन मई 2015 को कजलीवन टपरिया में सफेद रंग की गाय का वध कर गौ मांस का विक्रय करने के आशय से किया और गौ मांस को अपने कब्जे में रखकर धारा 4 व 5 गौवशं प्रतिषेध अधिनियम का उल्लंघन किया और गाय को पीडा एवं यातना दी। विचारण उपरांत न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी आशीष शर्मा के न्यायालय ने आरोपियों को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।