बुढवा मंगल 26 को, दंदरौआ धाम पर लगेगा विशाल मेला

धाम के महंत रामदास महाराज ने पत्रकारों को बताया बुढवा मंगल का महत्व

भिण्ड, 22 सितम्बर। जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल दंदरौआ धाम पर 26 सितंबर को बुढवा मंगल के पावन पर्व पर विशाल मेले का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर रुद्राभिषेक, सुंदरकाण्ड का पाठ, फूल बंगला एवं विशाल भण्डारा आयोजित होगा। बुढवा मंगल के दिन जिले के अलावा उत्तर प्रदेश के औरैया, इटावा, आगरा, मैनपुरी, एटा, फिरोजाबाद, कानपुर, प्रयागराज सहित कई जिलों के लाखों श्रृद्धालु दंदरौआ धाम में डॉक्टर हनुमान के दर्शन करने आते हंै।
महंत 1008 महामण्डलेश्वर रामदास महाराज ने दंदरौआ धाम परिसर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि बुढवा मंगल के दिन हनुमानजी माता सीताजी के खोज में लंका गए थे, लंका में जाकर उन्होंने राक्षसों का मान मर्दन किया और लंका को जलाकर वापस लौट कर भगवान श्रीराम को वहां के समाचार सुनाए थे, जिससे भगवान श्रीराम प्रसन्न होकर हनुमान को तिलक लगाकर पुष्पहार पहना कर स्वागत किया, इसलिए बुढवा मंगल के दिन हनुमानजी के पूजा का विशेष महत्व है।
महाराज ने पत्रकारों को बताया कि जैसे 24 एकादशियों में निर्जला एकादशी का विशेष महत्व है, उसी प्रकार पूरे वर्ष के मंगलवारों का फल बुढवा मंगलवार के दिन हनुमानजी पूजा एवं दर्शन करने का विषेश महत्व होता है, यह मंगलवार छह सितंबर को पड रहा है। उन्होंने बताया कि दंदरौआ धाम के सखी हनुमान जी आदि वैद्य हैं, इनके दर्शन मात्र से मनुष्य शरीर के विभिन्न रोगों का निवारण हो जाता है। इसलिए प्रत्येक मंगलवार एवं शनिवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालुगण दर्शन करने के लिए दंदरौआ धाम में आते हैं।
धाम के प्रवक्ता जलज त्रिपाठी ने बताया कि बुढवा मंगल के दिन जिले के अलावा बाहर से पैदल आने वाले श्रृद्धालुओं के लिए भिण्ड से लेकर दंदरौआ धाम तक जगह-जगह भण्डारे एवं पेयजल की व्यवस्था भक्तों द्वारा प्रति वर्ष की जाती है। अंत में बिहारी महाविद्यालय के संचालक राजेश शर्मा ने पत्रकारों को गीता, डायरी एवं पेन भेंट कर सम्मानित किया।
प्लास्टिक मुक्त होगा आयोजन
दंदरौआ धाम के महंत रामदास महाराज ने कहा कि इस बार बुढवा मंगल का कार्यक्रम प्लास्टिक मुक्त होगा। उन्होंने धाम में आने वाले श्रृद्धालुओं को रास्ते में जलपान की स्टाल लगाने वाले समाजसेवियों से आह्वान करते हुए कहा कि वे प्लास्टिक मुक्त आयोजन करें। श्रृद्धालुओं को पेयजल भोजन आदि में इस्तेमाल किए जाने वाले दौने, पत्तल, गिलास आदि प्लास्टिक के इस्तेमाल नहीं किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि धाम के कर्मचारियों को भी इस पर विशेष अमल करने के निर्देश दिए जाएंगे। साथ ही भविष्य में भी प्लास्टिक के आयटम प्रतिबंधित किए जाएंगे।