भिण्ड, 21 सितम्बर। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डॉ. रमेश दुबे ने मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद पर बैठे डॉ. गोविन्द सिंह पर आरोप लगाते हुए अपने निवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि न्यायिक व्यवस्था की नजर में ही गोविन्द सिंह झूठे हैं, जनता के वफादार कैसे हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि उनकी फितरत में प्रशासन पर दबाव बनाना शुरू से ही है। उसी गुमान में उन्होंने उच्च न्यायालय पर उंगली उठाई और पक्षपात का झूठा आरोप लगाया, लेकिन यहां उनको मुंह की खानी पडी, क्योंकि उच्च न्यायालय ने उनके उपर जुर्माना यह कहते हुए लगाया कि उन्होंने जो एप्लिकेशन लगाई है उससे स्पष्ट है कि वह हाईकोर्ट की खण्डपीठ पर झूठे आरोप लगाकर दबाब बनाना चाहते हैं, उनका कोई अन्य गुप्त उद्देश्य इसमें छिपा है, इसलिए न्यायालय ने उनकी इस गतिविधि को गलत मानते हुए जुर्माना ठोका।
डॉ.रमेश दुबे ने स्पष्ट किया है कि डॉ. गोविन्द सिंह महत्वपूर्ण मंत्रालयों को संभाल चुके हैं, वो अपनी आदतों के अनुसार ही इस प्रकार के आचरण करते हैं, जातिवाद का आरोप दूसरों पर लगाते हैं, जबकि खुद ही जातिवाद फैलाते हैं, इस बार के विधानसभा चुनाव में आम जनता इसका जबाव जरूर देगी। डॉ. दुबे ने बताया कि पिछले दिनों डॉ.गोविन्द सिंह ने जो आरोप एसपी भिण्ड पर जातिगत नियुक्तियों के संबंध में लगाए हंै वो उनकी ओछी मानसिकता का प्रतीक है। उन्होंने डॉ. सिंह पर आरोप लगाया कि उन्होंने कितने जिला पुलिस कप्तानों पर दबाव बनाकर अपने चहेतों को थाना इंचार्ज और टीआई बनवाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार कार्यकाल में डॉ. गोविन्द सिंह अपनी मनमानी करते रहे हैं, तो उनकी वही आदत आज भी बनी हुई है। गोविन्द सिंह का यह कहना कि थानों पर जातीय नियुक्तियों से चुनाव जीत जाते हैं तो वह स्पष्ट करें कि 1998, 2003, 2008, 2013, 2018 में लहार विधानसभा के चुनावों में उनके सजातीय नियुक्त थे तो क्या उन पुलिस कर्मियों ने उन्हें चुनाव जिताए। डॉ. रमेश दुबे ने साफ कहा कि डॉ. गोविन्द सिंह ने नेता प्रतिपक्ष जैसे संवैधानिक पद की गरिमा को तार-तार किया है। उन्होंने कहा कि इनको तत्काल नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा देना चाहिए, ताकि कोई असत्य बोलने वाला इस पद पर न रहें, साथ ही उनकी अनुचित, गैर लोकतांत्रिक गतिविधियों और जातिवादी गतिविधियों के लिए आगामी विधानसभा चुनाव में जनता जरूर सबक सिखाएंगी।