– राकेश अचल
अगर आपके परिवार का कोई सदस्य अमेरिका में रहता है तो ये खबर आपके लिए ही है। क्योंकि भारतीय डाक विभाग 25 अगस्त से अमेरिका के लिए ज्यादातर अंतर्राष्ट्रीय डाक सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर देगा। अमेरिकी सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग के नियमों में कुछ बडे बदलाव किए हैं जिसकी वजह से भारतीय डाक विभाग को ये अप्रिय कदम उठाने पर मजबूर होना पडा है।
आपको बता दूं कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 30 जुलाई 2025 को विशेष आदेश जारी किया था। इस आदेश के अनुसार 800 डॉलर तक के सामान पर लगने वाली ड्यूटी (सीमा शुल्क) की छूट खत्म कर दी गई है। पहले, कम कीमत वाले सामान बिना ड्यूटी के अमेरिका में आ जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। आदेश के मुताबिक 29 अगस्त से अमेरिका जाने वाले सभी सामानों पर ड्यूटी लगेगी, चाहे उनकी कीमत कुछ भी हो। यह नियम इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमी पावर एक्ट के तहत लागू होगा। हालांकि, 100 अमेरिकी डॉलर तक के गिफ्ट आइटम पर यह नियम लागू नहीं होगा। अमेरिकी सरकार के नए नियम के अनुसार, अब ट्रांसपोर्ट कंपनियों और यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन द्वारा मान्यता प्राप्त पार्टियों को अंतर्राष्ट्रीय डाक शिपमेंट पर ड्यूटी जमा करनी होगी।
सीबीपी ने 15 अगस्त को कुछ शुरुआती नियम जारी किए थे, लेकिन मान्यता प्राप्त पार्टियों को चुनने और ड्यूटी जमा करने के तरीकों के बारे में पूरी जानकारी अभी तक नहीं दी गई है। इन वजहों से अमेरिका जाने वाली अंतर्राष्ट्रीय मेल को संभालने वाली एयरलाइंस ने 25 अगस्त के बाद डाक कंसाइनमेंट स्वीकार करने में असमर्थता जताई है। उनका कहना है कि वे नए नियमों का पालन करने के लिए तकनीकी और परिचालन रूप से तैयार नहीं हैं।
इसलिए, डाक विभाग 25 अगस्त से अमेरिका जाने वाले सभी प्रकार के अंतर्राष्ट्रीय डाक की बुकिंग बंद कर देगा। लेकिन पत्र/दस्तावेज और 100 अमेरिकी डॉलर तक के गिफ्ट आइटम अभी भेजे जा सकते हैं। डाक विभाग ने कहा है कि वह सीबीपी और यूनाइटेड पोस्टल सर्विसेस से और जानकारी मिलने के बाद इन चीजों को अमेरिका भेजेगा। डाक विभाग सभी संबंधित लोगों के साथ मिलकर काम कर रहा है और स्थिति पर नजर रख रहा है। विभाग जल्द से जल्द अमेरिका के लिए पूरी डाक सेवा फिर से शुरू करने की कोशिश कर रहा है।
पीआईबी की विज्ञप्ति के अनुसार, जिन ग्राहकों ने पहले से ही ऐसे आइटम बुक किए हैं जो अब नए नियमों के अनुसार नहीं भेजे जा सकते, वे डाक शुल्क का रिफंड ले सकते हैं। विभाग ने असुविधा के लिए खेद जताया है और जल्द से जल्द पूरी सेवा बहाल करने की बात कही है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका में कम से कम 30 लाख भारतीय अलग अलग शहरों में रहते हैं। कुछ छात्र हैं तो कुछ नौकर पेशा हैं। अमेरिका में जन्मे भारतीयों को जोड लिया जाए तो ये संख्या 50 लाख से अधिक हो सकती है। इन भारतीयों के लिए भारत से रोजाना लगभग 11 हजार डाक अमेरिका के लिए भेजी जाती हैं। डाक विभाग के फैसले से जहां अमेरिका में रहने वाले लाखों भारतीय परेशान होंगे वहीं विभाग को भी बडा आर्थिक नुक्सान होगा। कुछ निजी कूरियर कंपनियों से भी डाक भेजी जाती हैं लेकिन ये सेवाएं बहुत मंहगी हैं।
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