नाबालिगा के साथ बलात्संग करने वाले अभियुक्त को आजीवन कारावास

सनसनीखेज प्रकरण में न्यायालय ने लगाया 15 हजार कर अर्थदण्ड

विदिशा, 22 सितम्बर। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) तहसील गंजबासौदा जिला विदिशा श्रीमती नीलम मिश्रा के न्यायालय ने अपने निर्णय में नाबालिग बालिका के साथ बलात्संग करने वाले अभियुक्त देशराज पुत्र घासीराम अहिरवार उम्र 23 वर्ष निवासी ग्राम देहलवाड़ा, थाना पठारी, हाल मायाखेड़ी जिला इन्दौर को धारा 366, 376(2)एन भादवि एवं 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में आजीवन कारावास एवं कुल 15 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी/ एसपीओ गंजबासौदा दिनेश कुमार असैया के अनुसार घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि 10 मार्च 2019 का पीडि़ता के पिता ने थाना त्योंदा में रिपोर्ट दर्ज कराई थी और बताया था कि मैं, मेरी पत्नी तथा नाबालिग लड़की खाना खाकर सो गए थे। रात में पत्नी ने बताया कि बेटी घर पर नहीं है बिना बताए कहीं चली गई है। जिसकी तलाश रिश्तेदारों ने की, कोई पता नहीं चला। उसे आरोपी देशराज अहिरवार पर शंका थी कि वह उसकी नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर भगाकर ले गया है। जिस पर से थाना त्योंदा में अपराध क्र.57/19 धारा 363 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था। अभियोक्त्री को दस्तयाब कर उसके 161 व 164 के कथन कराए गए तथा उसका मेडीकल परीक्षण कराया गया एवं डीएनए की कार्रवाई की गई थी। पीडि़ता के कथन व अनुसंधान के उपरांत प्रकरण में धारा 366, 376(2)एन भादवि, 3/4, 5/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 अभियुक्त को गिरफ्तार कर संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय में विचारण उपरांत पीडि़ता व साक्षीगणों के कथन कराए गए एवं प्रकरण में डीएनए रिपोर्ट पॉजीटिव आने से अभियुक्त को दोषसिद्ध पाते हुए धारा 366 में पांच वर्ष का कठोर कारावास व पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 376(2)एन में आजीवन कारावास जो कि शेष प्राकृतिक जीवनकाल के लिए होगा एवं 10 हजार रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया है। उक्त प्ररकण में पैरवीकर्ता अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी/ अभियोजक मनीष केथोरिया एवं सहायक जिला अभियोजन अधिकारी/ एसपीओ दिनेश कुमार असैया द्वारा अभियोजन का संचालन किया गया एवं कोर्ट मोहर्रिर रीतेश तिवारी आरक्षक द्वारा अभियोजन कार्य में पूर्ण सहयोग किया गया। जिससे प्रकरण का निराकरण शीघ्र हुआ।