आजीविका मिशन की मदद से आत्मनिर्भता की ओर बढ़ रही है पम्मी

भिण्ड, 18 सितम्बर। आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ती हुई पम्मी जादौन आजीविका मिशन ने दी पहचान एवं बना जीविका का साधन, अब मैं 20 हजार रुपए प्रति माह कमाई कर अपना एवं परिवार का पालन पोषण कर रही हूं।
विकास खण्ड मेहगांव के ग्राम मानहड़ निवासी श्रीमती पम्मी जादौन बताती हैं कि मैंने 12वीं तक पढ़ाई की, परंतु मेरी शासकीय जॉब नहीं लगी तो मैं परेशान रहने लगी। मेरे साथ की और सहेलियों को शासकीय जॉब मिल गई थी। मैं उनसे जब भी मिलती थी तो अपने आप को कमजोर महसूस करती थी। मुझे जैसे-तैसे प्राईवेट स्कूल में जॉब मिली, जिसमें मुझे तीन हजार रुपए प्रति माह मिलते थे, जिससे परिवार का पालन-पोषण करना बहुत मुश्किल हो रहा था। मुझे सुबह 10 बजे जाना पड़ता था एवं शाम छह बजे आती थी, जिससे बच्चों के पालन पोषण पर ध्यान नहीं दे पाती थी। वर्ष 2019 में आजीविका मिशन के द्वारा गांव में स्व सहायता समूह के गठन का कार्य किया जा रहा था। मैंने समूह के बारे में समझा और मेरी समूह में जुडऩे की जिज्ञासा हुई। मैं जय दुर्गा आजीविका स्व सहायता समूह में जुड़ी समूह के माध्यम से मैंने आजीविका से सीआरपी, बुक कीपर एवं आरसेटी से प्रशिक्षण प्राप्त किए, जिससे मेरा आत्मविश्वास एवं क्षमता वर्धन हुआ। बैंकों में जाकर समूह के कार्यों को सफल रूप से करने लगी, जिससे ग्रामीण स्तर पर मेरी पहचान बढऩे लगी। मेरा पंचायत सखी के रूप में चयन हुआ और मुझे सीएससी के द्वारा आईडी एवं बायोमेट्रिक डिवाइस प्राप्त हुई, समूह से 40 हजार रुपए उधार लेकर अपने ग्राम में ऑनलाईन की दुकान खोली, साथ ही साथ किराना, ब्यूटी पार्लर की दुकान का भी कार्य करने लगी। जिससे मेरी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ व परिवार में सम्मान मिलने लगा। मेरे कार्यों को देखते हुए मप्र ग्रामीण बैंक गोरमी द्वारा कियोस्क भी प्राप्त हुआ है, अब में ग्राम में ही रहकर ग्रामीण परिवारों का सहयोग कर रही हूं। अब ज्यादातर ग्रामीण बैंक नहीं जाते मेरे ऑनलाइन सेंटर से ही रुपयों का लेन देन करते एवं बचत खाता खुलवाते हैं। मैंने अभी तक 450 आयुष्मान कार्ड, श्रम कार्ड बना दिए, प्रधानमंत्री बीमा आदि कार्य कर रही हूं। जिले के द्वारा मुझे वैक्सीनेशन पंजीयन का कार्य मिला, जिसमें मुझे 500 रुपए प्रति दिन प्राप्त हो रहे हैं। इसके अलावा सीएससी से स्त्री सम्मान योजना में 50 हजार रुपए से सेनेटरी नेपकिन का कार्य की शुरुआत कर रही हंू। जिसमें 25 हजार का रॉ-मटेरियल भी मिला है, जिसमें मेरे समूह की सारी दीदी कार्य करेंगी और होने वाली आय समूह को प्राप्त होगी। अब मैं बहुत खुश हूं, क्योंकि अब मैं 20 से 25 हजार प्रतिमाह कमा कर बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ा रही हूं।