भिण्ड, 08 जुलाई। आदिनाथ दिगंबर जैन चैत्यालय मन्दिर में चातुर्मास कर रहे आचार्य 108 विनिश्चय सागर महाराज ने धर्मसभा में कहा कि इस जगत में जितने भी जीव हैं सभी सुख चाहते हैं, दुख कोई भी नहीं चाहता। जीव सुख तो चाहते हैं पर सुख प्राप्ति के काम नहीं करना चाहते। जीवन का सीधा सा सिद्धांत है कि जो दोगे वही मिलेगा। अगर सुख चाहिए तो औरों को भी सुख देने का कार्य करना होगा, यह निश्चित मानना कि यदि आज किसी को दुख देते हो तो कल निश्चित ही तुम्हें भी दुख का सामना करना पडेगा। कार्यक्रम के शुभारंभ में गणाचार्य विराग सागर महाराज के चित्र का अनावरण एवं दीप प्रज्वलन समाज के सृष्टिजनों ने किया।
आचार्य विनिश्चय सागर महाराज ने कहा कि वर्तमान में सुख या दुख जो भी आपके पास है वह सब कल किए गए कर्म का ही फल है। जो आज आपके सामने है और आज जो पुरुषार्थ करोगे वह सब भविष्य में मिलेगा। जैसे चिल्लाया जाता है, वैसे ही वापस लौटकर आवाज सुनाई देती है, ऐसे ही जीवन में जो किया जाता है वही वापस प्राप्त होता है, इसलिए वर्तमान में वही करें जो भविष्य में चाहते हैं।
आचार्य विनिश्च यसागर महाराज की चातुर्मास कलश स्थापना आज
चातुर्मास कर रहे गणाचार्य विराग सागर महाराज के परम प्रभावक शिष्य आचार्य 108 विनिश्चय सागर महाराज की मंगल चातुर्मास कलश स्थापना चैत्यालय जैन मन्दिर में आयोजित होने जा रही है। मीडिया प्रभारी पार्षद मनोज जैन ने बताया कि आचार्य विनिश्चय सागर महाराज की मंगल कलश स्थापना कार्यक्रम नौ जुलाई को ऋषभ सत्संग भवन में दोपहर 12 बजे से आयोजित होगा। जिसमें नगर एवं सामाजिक संगठनों के सभी धर्मप्रेमी बंधु उपस्थित रहेंगे।
विहसंत सागर महाराज के कलश स्थापना में डबरा जाएंगे श्रृद्धालुगण
गणाचार्य विराग सागर महाराज के शिष्य मेडिटेशन गुरु उपाध्याय विहसंत सागर महाराज के मंगल कलश यात्रा स्थापना में सैकडों श्रृद्धालु डबरा जाएंगे। पार्षद मनोज जैन ने बताया कि मेडिटेशन गुरु विहसंत सागर महाराज का इस वर्ष का मंगल चातुर्मास आरोग्यमय वर्षायोग नौ जुलाई रविवार को दोपहर एक बजे संस्कार वाटिका जवाहर गंज डबरा में आयोजित होने जा रहा है। जिसमें भिण्ड से सैकडों श्रृद्धालु डबरा जाएंगे