डीईओ भिण्ड ने मनमाने ढंग से किए शिक्षकों के स्थानांतरण

जिले के प्रबुद्धजनों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, जांच की मांग उठाई

भिण्ड, 07 सितम्बर। जिला शिक्षा अधिकारी भिण्ड द्वारा विगत दिवस किए गए शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर रोष व्याप्त है। इसी संबंध में जिले के प्रबुद्धजनों ने शालेय शिक्षा विभाग मप्र शासन के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मामले की जांच की मांग की है।
ज्ञापन में कहा गया है कि 31 अगस्त 2021 को भिण्ड जिले में हुए शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष द्वारा किए गए स्थानांतरण में मप्र शासन की स्थानांतरण नीति का घोर उल्लंघन किया गया है। पारदर्शिता तथा स्थानांतरण नीति को बलाए-ताक रखकर मनमाने तरीके से शिक्षकों के स्थानांतरण किए गए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी भिण्ड द्वारा जारी सूची में स्थानान्तरण की संख्या छिपाई गई है, जो पूर्णत असंवैधानिक एवं नियम विरुद्ध है। स्थानांतरण नीति की कंडिका क्र.13 के तहत दो हजार से ज्यादा कर्मचारियों वाले संवर्ग के पांच प्रतिशत संख्या में स्थानांतरण किए जा सकते हैं, जबकि भिण्ड में इस नीति का पालन न करते हुए 25 प्रतिशत स्थानांतरण किए गए प्रतीत हो रहे हैं।
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि स्थानांतरण के आदेशों में स्थानांतरण प्रशासनिक है या स्वैच्छिक है, का उल्लेख किया जाना था लेकिन डीईओ भिण्ड ने कण्डिका क्र.20 का पूर्णत: उल्लंघन किया गया है। कई स्कूलों में अतिशेष शिक्षक होने के बावजूद भी और नए शिक्षक उन स्कूलों में स्थानांतरण कर भेज दिए गए हैं। कई शिक्षकों ने पारस्परिक स्थानांतरण के लिए आवेदन दिए थे, उनके स्थानांतरण नहीं किए गए। ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई है कि उच्च स्तरीय समिति से जांच कराकर शिक्षा विभाग में हुए स्थानांतरणों को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए तथा जिला शिक्षा अधिकारी भिण्ड के विरुद्ध विभागीय जांच कराई जाए। ज्ञापन देने वालों में शैलेन्द्र मदारिया, भूपत सिंह जादौन पूर्व सदस्य जिला पंचायत, भिण्ड, गोविन्द सिंह गुर्जर पूर्व अध्यक्ष मार्केटिंग सोसाइटी अभिभाषक संघ, भिण्ड आदि शामिल हैं।

डीईओ का तुगलकी फरमान

डीईओ भिण्ड द्वारा पत्र क्र./स्था./स्थानांतरण/2021/598, दिनांक दो सितंबर 2021 को समस्त संकुल प्राचार्य एवं समस्त विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी को तुगलकी फरमान जारी किया गया कि संकुलांतर्गत समस्त संस्था प्रधान को निर्देशित करें कि किसी भी स्थानांतरित शिक्षक को पद रिक्त होने या न होने के संबंध में पत्र जारी न किया जाए। इससे यह स्पष्ट परिलक्षित होता है कि डीईओ भिण्ड द्वारा किए गए स्थानांतरण प्रकरण में घोर लापरवाही बरती गई है, शासन के दिशा-निर्देशों का खुलकर उल्लंघन किया है।