आधिकारिक तौर पर नहीं कर सकते ऐसा, निर्धारित कार्रवाई के तहत दंड का है प्रावधान
भिण्ड, 06 सितम्बर। जहां कुछ नौकरशाह अपनी ईमानदारी और कर्तव्य पालन के लिए उदाहरण पेश करते हैं तो वहीं कुछ नौकरशाह मंत्रियों की चापलूसी करने के लिए सरेआम उनके पैर छूकर नौकरशाही की गरिमा को ताक पर रख देते हैं।
हालिया मामला भिण्ड शहर स्थित संस्कृति मैरिज गार्डन में शिक्षक दिवस के के मौके पर आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह कार्यक्रम का है, जहां शासकीय विद्यालय जवासा में पदस्थ प्रभारी प्राचार्य टीकम सिंह मुख्य अतिथि के तौर पर पधारे मप्र शासन के सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया की चरण वंदना करते नजर आए, जबकि आधिकारिक तौर पर कोई भी सरकारी अधिकारियों या कर्मचारियों द्वारा किसी के पैर छूने का प्रावधान नहीं है।
जानकारों का कहना है कि मंत्रियों की चापलूसी करके निजी स्वार्थ के लिए कुछ अधिकारी या कर्मचारी नौकरशाही की गरिमा को ताक पर रखकर पैर छूते हैं। ऐसा करके वे संबंधित मंत्री या नेता के प्रति अपनी वफादारी साबित करते हैं जो कि अफसरों के निर्धारित आचरण के खिलाफ है। वैसे तो इस तरह का कृत्य करने पर एक निर्धारित कार्रवाई के तहत दंड का प्रावधान है, लेकिन सत्ताधारी दल के नेता या मंत्री की चरण वंदना करने पर कार्रवाई की बात बेमानी हो जाती है।
शिक्षक सम्मान समारोह के मंच वैनर में मुख्य अतिथि के नाम में अशुद्धियां
हमारे देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में शिक्षक को सबसे बुद्धिजीवी वर्ग माना जाता है। एक शिक्षक ही है जो बच्चे गीली मिट्टी की तरह होते है, जिस तरह कुम्हार गीली मिट्टी को आकार देता है। उसी तरह शिक्षक बच्चों के गीले मन को एक आकार देता है। अगर ऐसे शिक्षकों के कार्यक्रम में पोष्टर वैनर की लिखावट में अगर अशुद्धियां होंगी तो लोग तो बोलेंगे ही आखिर कार्यक्रम भी शिक्षकों के सम्मान समारोह का था, जी हां हम बात कर रहे हैं पांच सितरंबर को संस्कृति मैरिज गार्डन में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह कार्यक्रम का, जिसमें मंच पर लगे मुख्य वैनर पर मुख्य अतिथि के नाम और पद में अशुद्धियां देखने को मिलीं। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया के नाम में अशुद्धि, जहां भदौरिया लिखना चाहिए था वहां भदौरयाि लिखा, वहीं सहकारिता भी शुद्ध नहीं लिखा था। हालांकि वैनर में लिखी अशुद्धि बहुत बड़ा मुद्दा तो नहीं है, लेकिन शिक्षक समारोह में मुख्य वैनर में अशुद्धि बड़ी गलती तो मानी ही जाएगी। क्योंकि वैनर बनवाते समय बनवाने वाले शिक्षक ने जांच तो की होगी, तो फिर ये अशुद्धि समझ में क्यों नहीं आई?
सूत्रों की मानें तो जवासा विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य टीकम सिंह कुशवाह पर कई आरोप लग चुके हैं, और कई जांचें भी चल चुकी हैं। लेकिन अपनी राजनैतिक पहुंच और रसूख के चलते इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है। सभी जांचों में अपने आकाओं की कृपा से बच जाते हैं। सभी जानते हैं कि वर्तमान में शिक्षक टीकम सिंह नियम विरुद्ध आकाओं की मेहरबानी से प्रभारी प्राचार्य पद पर विराजमान हैं। जब इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी से संपर्क करना चाहा तो उन्होंने कॉल रिसीव करना मुनासिब नहीं समझा।