नाबालिगा से दुष्कर्म कर हत्या करने आरोपी को आजीवन कारावास

न्यायालय ने आरोपी पर कुल 22 हजार का जुर्माना भी लगाया

भोपाल, 19 अप्रैल। विशेष न्यायाशीध (पॉक्सो एक्ट) जिला भोपाल सुश्री शैलजा गुप्ता के न्यायालय ने नाबालिग बच्ची को प्रेम संबंध में लेकर उसका विश्वास जीतकर उसके साथ दुष्कर्म करके हत्या करने वाले आरोपी अभिषेक जाट को दोष सिद्ध पाते हुए धारा 302 भादंवि में आजीवन कारावास एवं 10 हजार रुपए जुर्माना, धारा 5/6 पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष सश्रम कारावास व 10 हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 201 भादंवि में पांच वर्ष सश्रम कारावास व दो हजार रुपए अर्थदण्ड का निर्णय पारित किया है। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्रीमती मनीषा पटेल, श्रीमती कोमिला किरतानी एवं श्रीमती दीप्ति पटेल ने की।
मीडिया सेल प्रभारी/एडीपीओ भोपाल दीपक बंसोड के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि थाना गौतम नगर भोपाल में 11 सितंबर 2019 को सूचना मिली कि रेशम केन्द्र गोल के पास पानी के गड्ढे में एक शव पड़ा है, पुलिस द्वारा मर्ग कायम कर जांच की गई। जांच में पाया कि महिला का शव है, जिसकी पहचान अभियोक्त्री 16 वर्ष निवासी निशातपुरा के रूप में की गई। मृतिका के दांई आंख के ऊपर एवं बांई के नीचे गहरी चोट के निशान थे तथा गले में भी घाव था। किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा धारधार हथियार से मार कर साक्ष्य को छुपाने के उद्देश्य से शव को पानी में फेंका गया था। विवेचना के दौरान मृतिका के माता-पिता ने उनके पड़ौस में रहने वाले आरोपी अभिषेक जाट पर शंका जाहिर की। उन्होंने बताया कि पीड़िता और आरोपी अभिषेक का दो वर्ष से प्रेम संबंध था। इस आधार पर आरोपी अभिषेक को गिरफ्तार कर उससे की गई पूछताछ के आधार पर घटना स्थल से साक्ष्य संकलित किया गया। घटना स्थल से आरोपी द्वारा उपयोग किया गया निरोध, पत्थर एवं धारदार ब्लड भी जब्त किया गया। पुलिस द्वारा विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायालय ने अभियोजन के साक्ष्य, तर्कों एवं वैज्ञानिक परीक्षण के आधार पर आरोपी को दोषी पाते हुए धारा 302 भादंवि में आजीवन कारावास एवं 10 हजार रुपए जुर्माना, धारा 5/6 पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष सश्रम कारावास व 10 हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 201 भादंवि में पांच वर्ष सश्रम कारावास व दो हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किए जाने का निर्णय पारित किया है।
न्यायालय द्वारा अपने निर्णय मे व्यक्त किया गया कि मृतिका दो वर्ष से आरोपी के प्रेम संबंधों में लिप्त होकर पूर्ण विश्वास करती थी तथा आरोपी से शादी कर अपने भविष्य के सपने देख रही थी, आरोपी द्वारा उक्त संबंधों का नाजायज लाभ उठाते हुए लगातार दो वर्षों तक शारीरिक शोषण कर कई बार दुष्कर्म जैसा घृणित अपराधिक कृत्य किया गया एवं सोच-समझकर पत्थर एवं ब्लड से निर्मम हत्या कर दी और शव को अर्द्धनग्न अवस्था में गड्ढे मे डाल दिया। आरोपी का कृत्य समाज के विश्वासिक संबंधों को कलंकित करने वाला पैशाचिक कृत्य है और महिला के प्रति गंभीर अपराध है, आरोपी के प्रति नरम रूख नहीं अपनाया जा सकता।