महाकवि शिशु की पुण्यतिथ पर कार्यक्रम आयोजित

पैत्रिक गांव उदी में आयोजित की गई श्रद्धांजलि सभा

भिण्ड, 31 अगस्त। चंबल की माटी में जन्में बृजभाषा के महाकवि शिशुपाल सिंह शिशु की जयंती पर मंगलवार को उनके गृह गांव उदी उप्र में एक श्रृद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। जहां गणमान्य नागरिकों सहित राजनेताओं द्वारा उन्हें श्रृद्धासुमन अर्पित किए गए।
ज्ञात हो कि गरीब किसान के यहां जन्में शिशुपाल सिंह शिशु बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के थे। बृज भाषा शैली पर अच्छी पकड़ होने के कारण उनकी रचनाओं में इसकी झलक दिखाई देती है। कव्य रचनाओं के माध्यम से उन्होंने साहित्य के क्षेत्र में चंबल अंचल का नाम ऊंचा किया, जिसमें उनके द्वारा रचित प्रमुख काव्य कृतियों में यमुना, अपने पथ पर, नदी के किनारे, दो चित्र, हल्दी घाटी की एक रात सहित छोड़ो हिन्दुस्तान जैसी कृतियां शामिल हैं। काव्य के साथ ही शिक्षा जगत में उनके बेहतर योगदान के लिए भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा उन्हें राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान प्रदान किया गया था। मंगलवार को उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर उनके गृह गांव उदी में काव्य के चितेरे शिशुपाल सिंह शिशु को याद करते हुए श्रृद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें वहां मौजूद कवियों ने अपनी रचनाओं का पाठ करते हुए शिशुजी को श्रृद्धासुमन अर्पित किए। साथ ही ग्रामीणजनों ने भी शिशुजी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया।