भगवान महावीर के जियो और जीने दो के सिद्धांत का पालन करने वाला धर्म है जैन धर्म : नरेन्द्र सिंह

पूर्व विधायक का जैन समाज ने ऊमरी में आयोजित कार्यक्रम में पगड़ी पहनाकर किया सम्मान

भिण्ड, 03 अप्रैल। पूर्व विधायक नरेन्द्र सिंह कुशवाह ने कहा कि जैन धर्म भगवान महावीर के ‘जियो और जीने दो’ के सिद्धांत का पालन करने वाला धर्म है। भगवान महावीर का प्रकृति से गहरा संबंध रहा था। उन्होंने जंगल में जीव-जंतु ही नहीं वरन् पेड़-पौधों के बीच रह कर अपनी साधना की थी तथा ऋजुपालिका नदी के किनारे एक शाल के पेड़ के नीचे ही उन्हें आत्मज्ञान (केवल ज्ञान) की प्राप्ति हुई थी। जैन धर्म की पवित्र पुस्तकों में न केवल जीव-जंतु बल्कि पेड़-पौधों पर दया करने का उपदेश दिया गया है। पृथ्वी, जल, वायु, वनस्पति और अग्नि सभी में जीवन है। इन सभी को हानि नहीं पहुंचानी चाहिए तथा इन्हें नष्ट होने से बचाना चाहिए। जैन धर्म में प्रकृति के उपभोग की बजाय उपयोग करने का उपदेश दिया गया है। यह उद्गार उन्होंने ऊमरी में जैन समाज द्वारा भगवान महावीर जयंती के अवसर पर निकाले गए चल समारोह एवं धार्मिक अनुष्ठान में मुख्य अतिथि की आसंदी से व्यक्त किए।
पूर्व विधायक नरेन्द्र सिंह कुशवाह को ऊमरी में आयोजित जैन समाज की मेला कमेटी ने पगड़ी पहनाकर उनका सम्मान किया। इस अवसर पर समाज के लोग काफी संख्या में मौजूद थे और जैन समाज के जलूस में शरीक होकर मन्दिर पर पहुंचे जहां उनका पूर्ण रूप से सम्मान किया गया।