बच्चों की शिक्षा के साथ मानव मूल्यों का विकास आवश्यक : श्रीधर उपाध्याय

शिक्षक राष्ट्र निर्माता हैं, जो भारत का भविष्य गढ़ रहे हैं : बच्चू सिंह
भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में योगदान करने वाले शिक्षकों का हुआ सम्मान

भिण्ड, 30 मार्च। शांतिकुज हरिद्वार (उत्तराखण्ड) के तत्वावधान में श्रीराम नवमी के अवसर पर गायत्री प्रज्ञा पीठ कुम्हरौआ मन्दिर पर विश्व शांति एवं पर्यवारणीय संतुलन के लिए हवन यज्ञ करवाया गया तथा भारतीय संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों का सम्मान किया गया। शांति कुंज हरिद्वार द्वारा पांच नवंबर 2022 को राष्ट्रीय स्तर पर शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा वर्ष 2022-23 का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य छात्रों में सांस्कृतिक चेतना जागृत करना, शिक्षा के साथ मानवीय मूल्यों को विकसित करना तथा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को दैनिक जीवन से जोडक़र मानव के परम लक्ष्य को प्राप्त करना है।

भिण्ड के 19 विद्यालयों के लगभग 1500 छात्रों ने इसमें सहभागिता की, जिसमें शा. उत्कृष्ट विद्यालय क्र.एक, उमावि क्र.दो, कॉटनजीन स्कूल, राजेन्द्र कॉन्वेंट, चाणक्य पब्लिक स्कूल, शा. हाईस्कूल पुर, बरासों, नुन्हाड़, चंदूपुरा, आरपीएस, सरमन मेमोरियल और महाकालेश्वर आदि स्कूलों के छात्र सम्मलित है। परीक्षा में विशेष सहयोग करने वाले गुरुजनों को आज रोली चंदन लगाकर भारतीय वैदिक परंपरा अनुसार मंत्रोच्चार के साथ फूल माला पहनाकार एवं प्रशस्ति-पत्र और वार्षिक कैलेंडर प्रदान कर सम्मानित किया गया। इसमें उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य पीएस चौहान, प्रधानाध्यापक नरेश सिंह भदौरिया, सत्यनारायण सिंह कुशवाह, एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. धीरज सिंह गुर्जर, शैलेन्द्र कुमार ओझा, आदेश जैन, प्रमोद कुमार ओझा, ब्रजेश सिंह भदौरिया, सुनील ओझा, दिनेश सोनी, सुशील शर्मा, सुनील चौहान, आरबी शर्मा, भंवर सिंह नरवरिया और मदन मोहन मिश्रा को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर वरिष्ठ परिब्राजक साहित्यकार एवं शिक्षाविद श्रीधर उपाध्याय ने कहा कि वर्तमान परिवेश में छात्र मानवीय मूल्यों से भटक रहे है, उनमें प्रेम, दया, करुणा, मैत्री, सद्भाव, श्रम, सामाजिक समरसता जैसे मूल्यों में भारी गिरावट आई है। इन मूल्यों को सहेजने के लिए हमे छात्रों को भारतीय संस्कृति का निकट से परिचय कराना है।
समाजसेवी शिक्षक बच्चू सिंह नरवरिया ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता है, जो दिन रात परिश्रम करके भारत के भविष्य नौनिहालों को गढ़ रहे हैं। हमें गुरुजनों का सम्मान करना चाहिए। इस दौरान गायत्री ट्रस्टी देवेन्द्र सिंह कुशवाह, श्रीधर उपाध्याय, डॉ. राधेश्याम शर्मा, मनोज गुप्ता, बहिन सरोज दीक्षित, ममता चौहान अपराजिता, निवेदिता, एडवोकेट जुगल किशोर दीक्षित, संजय उपाध्याय, प्रबल श्रीवास्तव विशेष रूप से उपस्थित रहे।
गायत्री मन्दिर में हुआ पांच कुण्डीय गायत्री महायज्ञ
गायत्री प्रज्ञा पीठ कुम्हरौआ रोड पर रामनवमी के उपलक्ष्य में पांच कुण्डीय गायत्री महायज्ञ किया गया एवं हवन के पश्चात भण्डारे प्रसादी की व्यवस्था की गई। जिसमें गायत्री परिवार के सभी भाई बहनों ने बढ़-चढक़र हिस्सा लिया। मन्दिर में यज्ञशाला में दो नामकरण संस्कार कराए गए। कार्यक्रम में बच्चों सिंह नरवरिया, देवेन्द्र सिंह राजावत, उपाध्याय पंडित जी, मनोज गुप्ता, सत्यनारायण राजावत, धीरज सिंह गुर्जर इत्यादि मुख्य रूप से सम्मिलित हुए।