अटेर क्षेत्र के ग्राम चितावली में चल रही है श्रीराम कथा
भिण्ड, 26 मार्च। नवरात्रि के अवसर पर अटेर क्षेत्र के ग्राम चितावली में माता के मन्दिर पर महिला सत्संग शिक्षा मण्डल एवं सभी भक्तजनों के सौजन्य से श्रीराम कथा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें कथा व्यास श्री मोहन महाराज ने रविवार को श्रीराम जन्म, ताड़का वधन एवं जनकपुर लीला का वर्णन किया।
श्री मोहन महाराज ने मनु-सतरूपा की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि मनु और सतरूपा ने तपस्य की थी, जिससे प्रसन्न होकर श्रीहरि विष्णु ने दर्शन दिया और कहा कि मैं तुम्हारी तपस्या से प्रसन्न हूं,, वरदान मांगो, तो मनु महाराज ने कहा कि भगवन मैं आपको पुत्र रूप में प्राप्त करना चाहता हूं और मेरा जीवन आपके अधीन है। जिस प्रकार मणि के बिना सर्प, पानी के बिना मछली मर जाती है, उसी प्रकार मेरा जीवन भी आपकी भक्ति के अधीन हो, भगवान कहते हैं, एवमस्तु (ऐसा ही हो), मनु महाराज ने दशरथ के रूप में जन्म लिया और सतरूपा कौशल्या हुईं। पुत्र रूप में राम जी को पाकर राजा दशरथ धन्य हो गए। आज राजा दशरथ के घर में राम का जन्म हुआ, हर्षोल्लास के साथ राम जन्म महोत्सव मनाया गया, बधाईयां दी गईं। राक्षसों के उत्पात से तंग आकर विश्वामित्र राजा दशरथ से राम और लक्ष्मण को यज्ञ की रक्षा के लिए ले जाते हैं, दोनों भाई गुरू की सेवा करते हैं और राक्षसों से सतों द्वारा किए जा रहे यज्ञ की रक्षा करते हैं। राक्षसी ताड़का लोगों को परेशान करती थी, भगवान राम ने उसे मारकर गत दी।
कथा वाचक मोहन महाराज ने जनकपुर दर्शन का प्रसंग बड़े मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया। राम और लक्ष्मण जी जनकपुर गुरू विश्वामित्र जी के साथ पहुंचे। तत्पश्चात आरती की गई और प्रसाद वितरण हुआ। सोमवार को श्रीराम कथा में धनुष यज्ञ एवं राम विवाह की कथा सुनाई जाएगी।