नाबालिगा से छेडख़ानी करने वाले आरोपी को तीन वर्ष का कारावास

सागर, 03 फरवरी। तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) जिला सागर सुश्री नीलम शुक्ला की अदालत ने नाबालिगा के साथ छेड़खानी करने वाले आरोपी बद्री गौड़ निवासी अंतर्गत थाना राहतगढ़ को दोषी करार देते हुए धारा-457, 354 भादंवि के तहत तीन-तीन वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक-एक हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत तीन वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता/ बालिका ने आठ जून 2021 को थाना राहतगढ़ में रिपोर्ट लेख कराई कि छह जून 2021 को उसकी मां बुलावे में गई थी और पिता ड्यूटी गया था, उसकी बड़ी बहन वर्तन साफ कर रही थी। फिर रात 10 बजे की बात है, उसने अभियुक्त बद्री से पूछा यहां क्या कर रहे हो फिर वह दरवाजे की लकड़ी खोलकर उसके घर के अंदर घुस गया और बालिका की बड़ी बहिन का हाथ पकडऩे लगा, तो वह बाथरूम में घुस गई, फिर बालिका का हाथ पकड़ लिया। बालिका चिल्लाई तो अभियुक्त कहने लगा कि चुप रहो। पड़ोस में रहने वाले बालिका के दादा ने अभियुक्त को गाली दी, फिर वह भाग गया। पिता के ड्यूटी से घर आने पर उनको घटना के बारे में बताया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना राहतगढ़ पुलिस ने धारा 354, 457 भादंवि एवं 7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज करते हुए विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहां विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) सुश्री नीलम शुक्ला के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपरोक्त सजा से दण्डित किया है।