मासूमों का प्रशासन नहीं बना सहारा तो विधायक ने बढ़ाए मदद के लिए हाथ

पांच मासूमों के सिर से कोरोना की बजह से उठा मां बाप का साया

भिण्ड, 21 अगस्त। लहार क्षेत्र के दबोह थाना अंतर्गत ग्राम आमाहा में पूर्व मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह द्वारा दौरा करते समय बच्चों पर नजर पड़ी तो उन्होंने अनायास ही पूछ लिया आप कहा रहते है किस स्कूल में पढ़ते हैं। तो सात वर्षीय अनीता बाल्मीक अपने छह माह के भाई को गोद मे लिए दूसरे भाई बहनों की उंगली थामे अपनी पीड़ा सुनाने लगी उसने विधायक को बताया कि मई माह में कोरोना काल में उसके मां बाप का देहांत हो गया था वो कोरोना की बीमारी से ग्रषित थे।
सात वर्षीय अनीता ने बताया कि मां बाप का साया उठने के बाद हम पांच भाई बहन अनाथ हो गए हैं। तो विधायक ने पूछा तो खाने पीने की व्यवस्था कैसे होती है, तो बच्ची अनिता ने बताया कि गांव के लोगों से मांग कर खा लेते हंै। इस बात पर डॉ. गोविन्द सिंह ने भिण्ड कलेक्टर को तत्काल फोन लगाया और बच्ची की समुचित व्यवस्था करने के लिए कहा। इसके बाद उन्होंने अपनी जेब से दो हजार रुपए निकालकर इसके बीस हजार रुपए बच्ची के खाते में डालने एवं दस हजार रुपए सरपंच से तथा दस हजार रुपए सचिव से देने को कहा। वहीं प्रतिदिन बच्चों को दूध और खाने के लिए गांव के कुछ लोगों को जिम्मेदारी दी तथा कहा कि इसका भुगतान वे स्वयं (डॉ. सिंह) करेंगे। इसके बाद उन्होंने बच्ची से कहा कि कुछ दिनों बाद आपके मकान की मरम्मत करवा कर आपके रहने की व्यवस्था की जाएगी। सोचने की बात यह है कि प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह कोरोना में मरने वालों को एक एक लाख देने की घोषणा की थी, यह घोषणा कहा अटकी रह गई। यह परिवार बाल्मीक समाज से है निश्चित गरीबी रेखा के नीचे होगा तथा बीपीएल धारक भी होगा। फिर अनाथ बच्चों को मिलने बाला मुफ्त का राशन आज तक क्यों नही मिला क्यों इन्हें बेसहारा छोड़ दिया गया।