पंच कल्याणक महोत्सव में जन्म कल्याणक पर निकाली शोभायात्रा

ऐरावत हाथी पर सवार सौधर्म इन्द्रा बालक पदम कुमार को गोदी में बिठाकर निकले, पाडुकशिला पर किया महामस्तकाभिषेक
शोभायात्रा में बग्घियां, बैण्ड, ढोल तासें सहित श्रृद्धालुगण हुए सम्मिलित

भिण्ड, 22 दिसम्बर। भगवान महावीर कीर्ति परिसर में चल रहे श्री नवग्रह पंचकल्याणक महोत्सव के तहत गुरुवार को मुनि श्री विनय सागर महाराज व मुनि श्री ध्याननंद सागर महाराज के सानिध्य में बालक पदम कुमार तींर्थकर का जन्म कल्याणक, शोभायात्रा पांडुकशिला अभिषेक और रात्रि में बालक का पालना झूलने का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
महोत्सव के दूसरे दिन जन्मकल्याणक पर सुबह तीर्थंकार बालक पदम कुमार का जन्म माता सुसीमा की कोख से हुआ। जन्मोत्सव में सुबह जैसे ही तीर्थंकर बालक पदम कुमार के जन्म की घोषणा हुई, पूरा पण्डाल तीर्थंकर बालक पदम कुमार की जय-जयकार कर से गूंज उठा। महिलाएं मंगल गीत गाते हुएं नृत्य करने लगी। भोपाल के संगीतकार रामकुमार के भजनों पर सौधर्म इन्द्र समेत सभी इन्द्र-इन्द्राणियां खुशी के मारे झूम उठे। कुबेर रत्नों की वर्ष करते हुए नृत्य करने लगे। मंच से सौधर्म इन्द्र और शचि इन्द्राणी संवाद के तहत बालक पदम कुमार के प्रथम बार एक हजार नेत्रों से दर्शन कर अलौकिक मंचन किया गया।

तीर्थंकर का जन्म देखने को मिल जाए तो जीवन धन्य हो जाता है : विनय सागर

मुनि श्री विनय सागर महाराज ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह मात्र नारी को सौभाग्य है, जो बालक को जन्म देती है। नारी की वजह से ही सृष्टि का निर्माण हो रहा है। तीर्थंकर बालक के जन्म पर 10 अतिशय होते हैं, 1008 लक्षण उनके शरीर पर होते हैं। तीर्थंकर का जन्म देखने को मिल जाए तो जीवन धन्य हो जाता है। घर में जन्म होने पर परिवार की बुजुर्ग महिला थाली बजा कर स्वागत व सूचित करती थी, जबकि आज जन्म लेने पर मोबाइल की घण्टी बजती है। जन्म दिवस को संयम से मनाने पर ही सार्थक होता है। मुनिश्री के पाद प्रच्छलन सरोज बोहरा परिवार ने किए। मंच संचालन उमेश जैन भिण्ड ने किया।

कौशाम्बी नगरी से सुमेरू पर्वत तक निकाली शोभायात्रा, बग्घियों में इन्द्रा इन्द्राणियों सवार होकर निकलीं

महोत्सव के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि पद्मप्रभु दिगंबर जैन पंच कल्याणक ऐतहार व प्रज्ञ संघ भिण्ड समिति की ओर से कौशाम्बी नगरी से जन्मोत्सव का भव्य जुलूस शोभायात्रा गाजे बाजे के साथ निकाली गई। बालक पदम कुमार के जन्मोत्सव पर ऐरावत हाथी पर सवार सौधर्म इन्द्रा अंकित जैन व इन्द्राणी शेफाली जैन बालक पदम कुमार को गोदी में बिठाए थे। वहीं 21 बग्घियों में सजीधजी वेशभूष में देवी-देवता, इन्द्रा-इन्द्राणियां सवार थे। उदयपुर बैण्ड के भजनों पर पुरुष, महिलाएं व बालिकाएं जमकर भक्ति नृत्य करती हुईं चल रही थीं। जगह-जगह जैन समाज के लोगों ने शोभायात्रा का भव्य स्वागत किया। वहीं शोभायात्रा कौशाम्बी नगरी कीर्ति स्तंभ से शुरू होकर लश्कर रोड, परेड चौराहे, बतास बाजार, गोल मार्केट, सदर बाजार, पुस्तक बाजार से होती हुए जैन नसिया मन्दिर सुमेरू पर्वत पांडुकशिला पर पहुंची।

सुमेरू पर्वत पांडुकशिला पर कलशों से हुआ अभिषेक, बुआ ने नजर से बचने के लिए लगाया काजल

कार्यक्रम स्थल सुमेरू पर्वत पर शोभायात्रा पहुंचाने पर बालक कुमार पांडुकशिला पर विराजमान किया। 1008 कलशों से पांडुशिला पर सौधर्म इन्द्रा ने जन्माभिषेक किया। मुनि श्री विनय सागर महाराज के सानिध्य एवं प्रतिष्ठाचार्य डॉ. अभिषेक जैन व डॉ. आशीष जैन ने विधि विधान के साथ सौधर्म इन्द्रों के अभिषेक के साथ प्रथम कलश से अभिषेक राजू जैन मुंबई, दूसरा सीमा राजू जैन अहमदाबाद, तीसरा सरोज जैन ग्वालियर, चौथा अशोक आशा जैन एवं पांचवे कलश से संभव जैन ग्वालियर सहित लोगों ने सुमेरू पर्वत पर किया गया। वहीं बालक को नजर नहीं लगे, इसलिए बुआ सरोज जैन ग्वालियर ने काजल लगया।

रात्रि में हुआ बालक पदम कुमार का पालना उत्सव, लोगों ने झूलाकर गाए बधाई गीत

रात्रि में बालक पदम कुमार का श्रृंगार कर सजी हुई वेशभूष में पालना में विराजमान किया। पालन को विषेश रूप से सजाया गया। वहीं इन्द्रा व इन्द्राणियों ने पालना झुलाने से पहले बधाई गीता गाये, साथ ही सौधर्म इन्द्र और इन्दाणियों सहित जैन समाज के लोगों ने बालक कुमार के पालना को झूलाया।

तप कल्याणक पर विवाह, राजतिलक और वैराग्य कार्यक्रय होंगे आज

प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि 23 दिसंबर को तप कल्याणक पर सुबह छह बजे से जाप्य, नित्य नियम पूजन, अभिषेक मण्डल आरधना, मंगल प्रवचन, दोपहार 12 बजे सेे राज्याभिषेक व बारात, राज तिलक, वैराग्य दीक्षा तथा शाम सात बजे आरती व सांस्कृतिक कार्यकम आयोजित किए जाएंगे।