आपराधिक षडय़ंत्र करने वाले आरोपी को तीन वर्ष का सश्रम कारावास

न्यायालय ने आरोपी पर चार लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया
आरोपिया अनीता पटैल को एक वर्ष सश्रम कारावास व पांच हजार का जुर्माना
निर्मल/ स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण में किया था षडय़ंत्र

सागर, 15 दिसम्बर। विशेष न्यायाधीश, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम जिला सागर श्री आलोक की अदालत ने निर्मल/ स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण में आपराधिक षडय़ंत्र करने वाले आरोपी भरत जाट निवासी अंतर्गत थाना गढ़ाकोटा को दोषी करार देते हुए धारा 120बी भादंवि के तहत तीन वर्ष का सश्रम कारावास व चार लाख रुपए अर्थदण्ड एवं आरोपिया अनीता पटैल को धारा 120बी के तहत एक वर्ष सश्रम कारावास व पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी शिव संजय ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना संक्षेप में इस प्रकार है कि निर्मल/ स्वच्छ भारत अभियान के तहत ग्राम पंचायत जिरिया खिरिया में कुल 170 शौचालयों का निर्माण होना था, जिसकी कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत थी, प्रति शौचालय 4600 रुपए के हिसाब से कुल राशि सात लाख 82 हजार रुपए ग्राम पंचायत जिरिया खिरिया को आवंटित की गई। ग्राम पंचायत के तत्कालीन सरपंच अभियुक्त पुरुषोत्तम व सचिव अभियुक्त संतोष ने समस्त शौचालय का निर्माण पूर्ण कराए बिना राशि आहरित कर ली, उक्त तथ्य संज्ञान में आने पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रहली ने 27 सितंबर 2013 को सरपंच-सचिव व रोजगार सहायक को सात दिवस में कार्य पूर्ण कराने या आहरित राशि जमा करने का सूचना पत्र दिया। 21 अक्टूबर 2013 को अंकेक्षण हेतु ग्राम पंचायत का अभिलेख प्रस्तुत करने बावत भी सूचना पत्र सरपंच-सचिव को दिया गया, इस पर अभियुक्त पुरुषोत्तम व संतोष ने संयुक्त शपथ पत्र देकर 28 फरवरी 2014 तक कार्य पूर्ण कराना लेख किया, किंतु कार्य पूर्ण नहीं कराया, इस पर जनपद पंचायत रहली के ब्लॉक समन्वयक अनुपम सराफ से जांच प्रतिवेदन आहूत किया गया। उन्होंने मौके पर जांच में कुल 20 हितग्राहियों के शौचालय पूर्ण, 29 के शौचालय अपूर्ण होना पाया, मौके पर पंचनामा तैयार किया गया। हितग्राहियों जिनके शौचालय पूर्ण, अपूर्ण व बने नहीं पाए गए की सूचियां तैयार की गईं। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा रहली में उपयंत्री अनिल कुमार पाठक ने पूर्ण व अपूर्ण शौचालयों के कार्य का मूल्यांकन किया, जिसके अनुसार पूर्ण 20 शौचालयों में 92 हजार रुपए व 29 अपूर्ण शौचालयों में 66 हजार 700 रुपए, कुल एक लाख 58 हजार 700 रुपए का कार्य होना और शेष राशि छह लाख 23 हजार 300 रुपए का दुरुपयोग किया जाना पाया गया। सरपंच-सचिव ने सामग्री के बिल व वाउचर भी उपलब्ध नहीं कराए। अनुपम सराफ ने अपना जांच प्रतिवेदन 25 दिसंबर 2014 को प्रस्तुत किया, इसके साथ संलग्न आवरण पत्र में सरपंच सचिव के विरुद्ध पुलिस में प्रकरण दर्ज कराने की अनुशंसा भी की गई, इस पर से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सागर ने 27 दिसंबर 2014 को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को सरपंच व सचिव के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कराने हेतु अनुरोध किया व इसकी प्रति ब्लाक समन्वयक अनुपम सराफ को दो जनवरी 2015 को पुलिस रिपोर्ट करने हेतु दी गई, उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाना गढ़ाकोटा में प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विचारण के दौरान अभियोजन ने साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया, अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहां विचारण उपरांत न्यायालय विशेष न्यायाधीश, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, श्री आलोक मिश्रा की अदालत ने आरोपियों को दोषी करार देते हुए उक्त दण्डादेश से दण्डित किया है।