निष्काम भाव से कर्म करने पर मिलती है भगवान की कृपा : रामभद्राचार्य जी

ग्राम गुदावली में श्रीमद् भागवत कथा के दौरान हो रहे हैं जगत्गुरू रामभद्राचार्य के प्रवचन

भिण्ड, 01 दिसम्बर। श्रीश्री 1008 महामण्डेलश्वर श्री रामदास जी महाराज दंदरौआ धाम के सानिध्य में श्रीश्री 1008 बाबा बालकदास महासिद्ध पीठ धाम ग्राम गुदावली, तहसील मेहगांव जिला भिण्ड में चल रही संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा एवं पंचकुण्डी हनुमान महायज्ञ के चौथे दिवस गुरुवार को जगत्गुरू स्वामी रामभद्राचार्य जी ने कथा के दौरान प्रवचन करते हुए कहा कि भगवान की कृपा निष्काम भाव से कर्तव्य समझ कर कर्म करने से प्राप्त होती है। इसलिए मनुष्य को संसार में भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए ही कर्म करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम किसी का कहना मानें यह हमारे वश की बात है, कोई हमारा कहना मानें यह हमारे वश की बात नहीं होती है। इसी प्रकार किसी को सुख देना हमारे हाथ में होता है परंतु किसी से सुख पाना हमारे हाथ में नहीं होता है। जो हमारे हाथ की बात है, उसे करना ही स्वयं का उद्धार का कारण होती है, और जो हमारे हाथ की बात नहीं है उसे करना स्वयं के पतन का कारण होती है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को भगवान की शरणागत में रहना चाहिए इसके लिए भगवान ने कहा है कि मेरे प्रति अनुकूल आचरण रखना चाहिए साथ ही मेरे ऊपर पूर्ण विश्वास होना चाहिए एवं भगवान आपकी रक्षा करेगा इस बात का पूर्ण विश्वास रखना चाहिए भगवान का ध्यान करने के लिए मनुष्य को भगवान के चरणों में ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि निरंकारी भगवान का ध्यान नहीं हो सकता है, जब मनुष्य का मन भगवान के गुणों को सुनने मे लग जाए तो समझ लेना भक्ति आ गई।

कथा में मंच संचालन एडवोकेट रामहरी शर्मा द्वारा किया जा रहा है। कथा का वाचन चार दिसंर तक प्रतिदिन दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक किया जाएगा। कथा के आरंभ में पारीक्षित महेन्द्र शर्मा ने परिजनों एवं अन्य अतिथियों ने व्यास गद्दी का पूजन किया और समापन पर मुख्य आयोजक एवं पारीक्षित श्रीमती ममता-महेन्द्र शर्मा, नीलेश शर्मा, आरएन मिश्रा, ध्रुव, गौतम और यतेन्द्र शर्मा सहित भक्तगणों द्वारा श्रीमद् भागवत की आरती की गई तथा सभी को प्रसाद वितरण किया गया। इस मौके पर जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष केपीसिंह भदौरिया, भाजपा जिलाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह नरवरिया, गजेन्द्र सिंह भदौरिया, रामबरन पुजारी, पवन शास्त्री, महेश चौधरी, जलज त्रिपाठी, नरसी दद्दा सहित अनेक श्रृद्धालु मौजूद रहे।