संसार में मित्र हो तो सुदामा जैसा : आचार्य विष्णुदत्त शास्त्री

गोरमी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा का हुआ समापन

भिण्ड, 04 नवम्बर। चौधरी परिवार द्वारा नगर के मां वैष्णो मैरिज गार्डन में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन महामण्डलेश्वर आचार्य श्री विष्णुदत्त शास्त्री ब्रह्मचारी ने कहा कि आज के युवाओं को भगवान श्रीराम के चरित्र से सीखना चाहिए, आधुनिक भारत में भाई-भाई का प्रेम समाप्त हो रहा है, पिता और पुत्र के संबंध में खटास आ रही है, मित्र-मित्र के संबंध खत्म हो रहे हैं, यह दिशाहीनता का कारण है, पाश्चात्य सभ्यता का प्रभाव है, हम इसी तरह अपने आदर्श ग्रंथों को भूल गए तो हम आगे चलकर संस्कारों से सुन्न हो जाएंगे। आज आवश्यकता है भगवान श्र राम का भाई भरत के प्रति जो प्रेम था वह पूरे संसार में एक आदर्श स्थापित करता है, इसी प्रकार अगर हमें संसार में मित्रता देखनी है तो भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता देखो, उनकी मित्रता में प्रेम देखो, सच्चा मित्र वही है जो मित्र के मुसीबत में काम आए। यदि जीवन जीना सीखना है तो हमें नित्य रामचरित मानस का पाठ करना चाहिए, तभी वास्तव में हम जीवन जीना सीख सकते हैं।
आचार्य विष्णुदत्त शास्त्री ने कहा जब तक हमारे अंदर संस्कार नहीं होंगे तब तक हम संस्कृति की रक्षा नहीं कर सकते, राष्ट्र की रक्षा करने के लिए युवाओं के अंदर चरित्र और सील होना आवश्यक है। हम सबको अपने बच्चों को सत्संग में लेकर अवश्य आना चाहिए, जिससे वह भगवान के भक्त बनें। माताएं-बहनें अपने बालकों को अच्छे संस्कार, अच्छी शिक्षा के लिए प्रेरित करें।
कथा के अंत में भव्य भागवत आरती एवं विशाल संत भण्डारा हुआ। कथा में पूर्व विधायक शिवशंकर समाधिया, पूर्व नपा अध्यक्ष राजीव शर्मा, भगवती प्रसाद शर्मा, यजमान रामसिया चौधरी, ओमप्रकाश चौधरी, भाजपा मंडल अध्यक्ष सुभाष थापक, डॉ. देवदत्त शर्मा, मुकेश थापक, अनुराग चौधरी, कृष्ण कुमार थापक, बंटी दीक्षित, सुमेर यादव, रामदत्त तिवारी, दलवीर सिंह तोमर, गोकुल सिंह परमार, राहुल कटारे सहित हजारों भक्तजन मौजूद थे।