ईश्वर के सुमिरन से जीव के संकट नष्ट हो जाते हैं : पाठक जी महाराज

भिण्ड, 28 सितम्बर। अकोड़ा नगर परिषद के बड़ी जग्गा मंन्दिर में बुधवार को श्रीराम कथा के तृतीय दिन कथाव्यास श्री अनिल पाठक जी महाराज ने कहा कि ईश्वर के सुमिरन से जीव के संकट नष्ट हो जाते हैं तथा ब्रह्म की सर्वसता व्यापकता का बोध हो जाता है। जौ सुमरत जाहि मिटे आसाना, सोह सर्वस राम भगवाना। शंकर जी पार्वती प्रसंग में शंकर जी अपने सहज स्वरूप में पार्वती का परित्याग कर समाधिस्थ हो गए। राम नाम सुमिरन करते देख पार्वती जी यह जानी की शंकर जी की समझ खुल गई, तब शंकर जी ने पार्वती जी को सामने आसान दिया और एक दूसरे का संबंध पति-पत्नी का न होकर गुरु शिष्य में बदल गया। देह त्याग के बाद पार्वतीजी पुन: जन्म लेकर सती के नाम से पार्वती राम के घर जन्म लिया, उन्हें संस्कारों के साथ पुन: शंकरजी विवाह का संकल्प किया। इस प्रकार शंकर जी पार्वती का विवाह हुआ।