ग्राम सेवक अपने चहेतों के बीच कर रहे हैं बीज का बंटवारा
भिण्ड, 31 अगस्त। भारत कृषि प्रधान देश है, किसानों के कृषि की पैदावार बढ़ाने के उद्देश्य से शासन द्वारा किसानों को उन्नत बीज प्रदान किए जाते हैं, जिससे कृषि को बढ़ावा मिले व किसान की फसल की पैदावार बढ़े। बीज खेती की नींव का आधार और मूलमंत्र है। इसिलए अच्छी गुणवत्ता वाले बीज से, फसलों का भरपूर उत्पादन प्राप्त होता है। कृषक बंधु जानते हैं कि उत्तम गुणवत्ता वाला बीज सामान्य बीज की अपेक्षा 20 से 25 प्रतिशत अधिक कृषि उपज देता है। इसलिए शुद्ध एवं स्वस्थ ‘प्रमाणित बीजÓ अच्छी पैदावार का आधार होता है। लेकिन प्रशासन में बैठे अधिकारी व कर्मचारियों को शासन की मंशा से कोई सरोकार नहीं है। उनका उद्देश्य तो शासन की योजनाओं को पलीता लगाना है।
दिलचस्प बात यह है कि किसानों के बोवनी का कार्य खत्म होने के बाद ग्राम सेवकों द्वारा दलहन के बीज बांटे जा रहे हैं, इस बंदरबाट में भी ग्राम सेवकों द्वारा अपने चहेतों को ही बीज का लाभ दिया जा रहा है। जिन किसानों को इस श्रेणी में रखा गया है, उन किसानों को इस योजना के बारे में कोई जानकारी नहीं है। जबकि शासन का उद्देश्य हर योजना को धरातल पर लाकर घर-घर पहुंचाने की है। यह बंदरवांट इसी फसल पर नहीं हो रहा, बल्कि हर वर्ष हर फसल पर इसी तरह बीज का बंदरवाट होता है। जिस उद्देश्य से मप्र सरकार गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराती है वह निरार्थक सिद्ध होता है।
इनका कहना है-
मुझे 80 पैकेट मिले थे, अभी एकाध किसान लेने आ रहा है, उनको दे रहा हूं।
देवेन्द्र गुर्जर, ग्राम सेवक
बीज जुलाई में बांटा जाता है, अभी कोई बीज नहीं है।
भानु घुरैया, एसएडीओ कृषि